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दिल्ली के गलियारों में चर्चा है कि इस बार भाजपा जाट चेहरे के रूप में सनी देओल को पश्चिमी उप्र की किसी सीट से उतार सकती है। ..
मेरठ:- पश्चिमी उप्र में भाजपा फिल्मी सितारों के बहाने सियासी सूरज चमकाने की फिराक में है। दिल्ली के गलियारों में चर्चा है कि इस बार भाजपा जाट चेहरे के रूप में सनी देओल को पश्चिमी उप्र की किसी सीट से उतार सकती है। सपा-बसपा गठबंधन और चौधरी अजित सिंह के कद से पार पाने के लिए पार्टी नए नामों पर मंथन कर रही है।
भाजपा की फंसी साख
पश्चिमी उप्र में तमाम सीटों पर भाजपा की साख फंस गई है। गठबंधन के वोटों और कांग्रेस की घेराबंदी के बीच तमाम भाजपाई सांसद सीट बदलने की बात पार्टी के सामने रख चुके हैं। 2014 में मोदी लहर में केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने चौ. अजित सिंह जैसे दिग्गज को मात दे दी, लेकिन इस बार स्थितियां अलग हैं। सपा-बसपा के वोट मिलकर भाजपा का गणित बिगाड़ सकते हैं। गठबंधन की हवा निकालने के लिए हेमा मालिनी की तर्ज पर भाजपा बागपत या मुजफ्फरनगर से फिल्म अभिनेता सनी देओल को उतार सकती है। सनी 2014 में सत्यपाल सिंह के प्रचार में आ चुके हैं। उन्हें जाट चेहरा के रूप में उतारकर भाजपा बिजनौर का भी समीकरण साधेगी। माना जा रहा है कि सत्यपाल सिंह या डॉ. संजीव बालियान को बिजनौर संसदीय सीट पर शिफ्ट किया जा सकता है, जहां भाजपा की डगर अपेक्षाकृत आसान है।
कैराना में दांव पर साख
उपचुनाव के दौरान देशभर में हाईप्रोफाइल सीट के रूप में चर्चा में आई कैराना में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। भाजपा के टिकट पर यहां से बाबू हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह, सहारनपुर के मुकेश चौधरी व वीरेंद्र सिंह का भी दावा है, लेकिन यहां पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश व पूर्व एमएलसी वीरेंद्र सिंह के भाई वीएस चौहान को उतारकर पार्टी चौंका सकती है। वह देश के पहले गुर्जर न्यायाधीश माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अरुण जेटली के बेहद करीब हैं। इनके साथ ही गंगोह के मौजूदा विधायक प्रदीप चौधरी भी रेस में हैं।
नगीना से अशोक प्रधान की चर्चा
नगीना सुरक्षित सीट पर भाजपा ने 2014 में डॉ. यशवंत को टिकट दिया। पिछले वर्ष दलित आंदोलन के दौरान डॉ. यशवंत ने पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अपनाया था, लेकिन चुनावी मौसम में एक बार फिर भाजपा की छतरी में पहुंच गए। उनका विरोधी खेमा यहां से अशोक प्रधान को टिकट देने के लिए जुटा है, जबकि यशवीर धोबी भी दावेदारी कर चुके हैं। बिजनौर में चुनावी घमासान की आंच अभी से महसूस की जा रही है। बसपा यहां से मलूक नागर को उतारने के मूड में है। भाजपा की ओर से गुर्जर चेहरे के रूप में इस सीट पर यशपाल पंवार का भी नाम चर्चा में है। भाजपाई रणनीतिकारों की मानें तो पश्चिम की तमाम सीटों पर गठबंधन ने चुनावी गणित को उलझा दिया है। अगर कांग्रेस ने मेरठ से गुर्जर चेहरे के रूप में अवतार सिंह भड़ाना को उतारा तो भाजपा को नई रणनीति के साथ दंगल में उतरना पडे।