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श्रीनगर मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ जारी कोर्ट मार्शल की कार्रवाई पूरी ह...
श्रीनगर : मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ जारी कोर्ट मार्शल की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। अब सजा का एलान होना बाकी है। वह कथित एक पत्थरबाज को ढाल बनाने के अलावा स्थानीय महिला से मेल-जोल बढ़ाने के मामले में सुíखयों में आए थे। यह सजा उनको सेवामुक्त किए जाने से लेकर उनकी वरिष्ठता घटाकर डिमोट किए जाने तक हो सकती है। उनके चालक समीर मल्ला के खिलाफ भी कोर्ट मार्शल की कार्रवाई पूरी हो गई है। उस पर बिना अनुमति यूनिट से गायब रहने का मामला है और उन्हें भी कठोर दंड मिलेगा। अलबत्ता, दंड की सीमा व उस पर कार्यान्वयन को सैन्य मुख्यालय की संस्तुति के बाद ही लागू किया जाएगा। या है मामला
जिला बड़गाम में स्थित सेना की 53 आरआर में तैनात मेजर लीतुल गोगोई ने 23 मई 2018 को श्रीनगर में डल झील से सटे डलगेट खनयार इलाके में स्थित होटल ग्रैंड ममता में कमरा ऑनलाइन बुक किया था। उनके साथ उनका स्थानीय साथी समीर और एक युवती भी थी। मेजर गोगोई सादे कपड़ों में थे। जब वह कमरे में जाने लगे तो उनके साथ स्थानीय लड़की देख रिसेप्शन पर मौजूद होटलकर्मी ने उन्हें सैन्य अधिकारी के कमरे में जाने से मना कर दिया। इस पर विवाद पैदा हो गया। पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुंचा। समीर अहमद व युवती सहित सैन्य अधिकारी को हिरासत में ले लिया। पुलिस तीनों को थाने ले आई। पूछताछ और अन्य कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने सैन्य अधिकारी को उसकी यूनिट के हवाले कर दिया। युवती ने पुलिस को बताया था कि वह बालिग है। उसे कोई जबरदस्ती नहीं लाया था। वह इच्छा से आई थी और मेजर गोगोई उसके दोस्त हैं। वह अकसर उनके साथ घूमने जाती है। 25 मई 2018 को शुरू हुई थी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने लड़की के साथ मेजर लीतुल गोगोई के पकड़ने के के मामले पर कड़ा रुख लेते हुए सख्त कार्रवाई करने का यकीन दिलाया था। उसके साथ ही 25 मई को मेजर गोगोई के खिलाफ सैन्य प्रशासन ने पूरे मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश जारी कर दिया। मेजर गोगोई को सेना की 53 आरआर से हटाते हुए चिनार कोर मुख्यालय में अटैच कर दिया। अगस्त 2018 में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में वह दोषी पाए। उन्हें स्थानीय लड़की के साथ मेल जोल बढ़ाने व ऑपरेशनल एरिया के लिए तय स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर के उल्लंघन का जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बाद उनके खिलाफ समरी ऑफ एविडेंस की कार्रवाई शुरू की गई जो करीब तीन माह चली। उसके बाद इसी साल फरवरी के दौरान कोर्ट मार्शल शुरू हुआ। युवती नहीं हुई पेश
सम्मरी आफ एविडेंस और उसे बाद कोर्ट मार्शल की कार्रवाई के दौरान मेजर गोगोई व उनके चालक समीर मल्ला को अपने बचाव का पूरा मौका दिया गया। उनके भी बयान कलमबद्ध हुए। अन्य गवाहों के बयान भी हुए। लेकिन इस पूरे विवाद का केंद्र रही लड़की ने इस कार्रवाई में हिस्सा लेने से इन्कार कर दिया। उसने कहा था कि वह मेजर गोगोई की मित्र है। लड़की ने कहा था कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है और कोर्ट मार्शल की कार्रवाई में भी उसके उसी बयान को ही शामिल किया जाए। उसने अपने बयान में बताया था कि मेजर लीतुल गोगोई के साथ उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। फेसबुक पर मेजर गोगोई ने उबैर अरमान के नाम से एकाऊंट बना रखा था। जब वह उससे मिली तो मेजर गोगोई ने अपने बारे में उसे पूरी सच्चाई बता दी थी। कोर्ट मार्शल
कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू होते ही आरोपित सैन्य अफसर या कर्मी को आरोपों की प्रति देकर उसे वकील नियुक्त करने का अधिकार दिया जाता है। कोर्ट मार्शल भी चार तरह के होते हैं, जिनमें समरी कोर्ट मार्शल, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मार्शल, समरी जनरल कोर्ट मार्शल जनरल कोर्ट मार्शल शामिल हैं।डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मार्शल में सुनाई सजा को दोषी ठहराया गया काíमक सेशन कोर्ट में चुनौती दे सकता है। जबकि कोर्ट मार्शल में सुनाई गई सजा के खिलाफ पहले हाईकोर्ट में या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती थी। अब आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल (एएफटी) में इसे चुनौती दी जा सकती है। जनहित होने पर एएफटी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है।