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बरेली संवाददाता अमर जीत
मंगलवार को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद आंदोलन के दौरान जब अलर्ट जारी हुआ तो दोपहर को एडीजी प्रेम प्रकाश व आइजी डीके ठाकुर भी सड़क पर उतर आए.
दोपहर को दोनों अधिकारी एक ही कार से कोतवाली पहुंच रहे थे. तभी नावल्टी चौराहा के पास आदोलनकारियों का जुलूस निकलने की वजह से जाम लगा गया और एडीजी की कार उसमें फंस गई. काफी देर बाद वे जाम निकल सके.
जाम से निकलकर एडीजी कोतवाली गेट पर पहुंचे तो देखा कि वहा खड़ा होमगार्ड मजे से बीडी के कश मार रहा है. अचानक पहुंचे एडीजी ने (पीछे खड़े) देखा तो जमकर फटकारा और सजा सुना दी. चलो, हाथ ऊपर करके अब एसएसपी कार्यालय तक दौड़ लगाओ. बस फिर क्या शुरू हो गई सजा वाली दौड़.
बाद में दोनों अधिकारी एसपी सिटी के ऑफिस पहुंचे. वहा लगे सीसीटीवी कैमरों से दो घटे तक शहर के हालात पर नजर रखे रहे. दूसरी ओर कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन आदि के बाद भी आदोलनकारियों पर नजर रही. दलित बस्तियों जाटवपुरा, नेकपुर, शाति विहार आदि में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई थी.
दरअसल, जिस समय एडीजी और आइजी कोतवाली के लिए कार्यालय से निकले, उस वक्त आबेडकर पार्क में सभा चल रही थी. बाद में लोग जुलूस निकालने लगे. जानकारी मिलने पर एसएसपी जोगेंद्र कुमार कलेक्ट्रेट पहुंच गए, दूसरी ओर एडीजी व आइजी आबेडकर पार्क के सामने कोतवाली के लिए चल दिए थे.
सूचना पर चौकी चौराहा से अयूब खा चौराहा तक का रास्ता तो साफ करा दिया गया मगर उनकी गाड़ी नॉवल्टी चौराहा पर जाम में करीब दस मिनट फंसी रही. आदोलन के कारण कोतवाली की फोर्स कलेक्ट्रेट या जुलूस निकाल रहे लोगों के साथ थी. इसलिए मजबूरन स्कार्ट को ही जाम खुलवाना पड़ा