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समाजवादी पार्टी के कार्यालय में अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र जारी किया। उनके साथ पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी थे। ...
लखनऊ: -समाजवादी पार्टी ने केंद्र की सत्ता में गठबंधन के आने पर सेना में अहीर बख्तरबंद रेजीमेंट बनाने का वादा किया है। शुक्रवार को घोषणा पत्र जारी करते हुए अखिलेश ने सेना में गुजरात इन्फैंट्री रेजीमेंट बनाने के साथ ही उन सभी राज्यों में रेजीमेंट बनाने का एलान किया, जहां अभी यह नहीं हैैं।
सपा मुख्यालय में शुक्रवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हालांकि घोषणा पत्र जारी करते समय इसे घोषणा पत्र कहने से हिचकिचाए, फिर जब मुंह से घोषणा पत्र निकल गया तो सफाई देते हुए बोले कि हमें सरकार तो बनानी नहीं है, इसलिए इसे विजन डाक्यूमेंट कहना ही बेहतर होगा।
'सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन : एक नई दिशा, एक नई उम्मीद' के स्लोगन के साथ जारी सपा के घोषणा पत्र में अखिलेश की फोटो पांच जगह है, जबकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की एक फोटो पीछे की तरफ के पन्नों में है। किसान से लेकर शिक्षा, रोजगार और सेना से लेकर कश्मीर तक पर वादे किए हैैं। किसानों के लिए सपा ने सौ फीसद कर्जमाफी का एलान किया है। इसके लिए केरल में सफल साबित हुए समुदाय आधारित एवं प्रायोजित कर्ज सेवा मॉडल को बढ़ावा देकर इसका नेतृत्व स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को देने की योजना है।
अखिलेश ने सैन्य परिवारों के लिए राज्य आधारित लोक कल्याण योजना शुरू करने की बात भी घोषणा पत्र में कही है। प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान समाजवादी पेंशन के तौर पर सपा एक हजार रुपये देती थी, जिसे बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने का वादा घोषणा पत्र में है। गरीबों को लोहिया आवास देने और ढाई करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति रखने वाले देश के 0.1 फीसद परिवारों पर दो प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी सपा ने रखा है।
सपा के घोषणा पत्र में एक और बड़ा वादा देश के प्रत्येक विद्यार्थी को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराने का है। स्थानीय भाषा में विश्वस्तरीय शिक्षा देने, इंटरेक्टिव पाठ्यक्रम शामिल करने, जरूरतमंदों को लैपटॉप व टैबलेट देने, हर साल एक लाख नौकरियां देने और जीडीपी का छह फीसद शिक्षा पर खर्च करने का भी वादा किया गया है।
इसके अलावा पांच साल में सरकारी विभागों में मानव संसाधन को चरणबद्ध तरीके से दोगुना करने, नए उद्योगों को बढ़ावा देने, एक्सप्रेस वे व सड़कें बनाने, समाजवादी छात्रावास बनाने, हर गांव में खेल का मैदान और हर जिले में खेल की सुविधाएं दिलाने, थ्री-पी मोड पर गांवों में खेल की सुविधाएं विकसित करने का भी वादा घोषणा पत्र में किया गया है। सपा ने गाय से लेकर महिलाओं तक की सुरक्षा के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति पर पुनर्विचार करने, आदिवासियों के लिए कार्यक्रम बनाने, पुलिस सुधार के कानूनों का नवीनीकरण करने, सुरक्षा बलों को मजबूत करने और दुनिया की सबसे बड़ी पावर ग्रिड लगाने सहित कई और वादे किए गए हैैं।
अमीर-गरीब के बीच और बढ़ी खाई
सपा ने घोषणा पत्र के मुख पृष्ठ पर डॉ.लोहिया का एक वक्तव्य देते हुए गरीबी से लड़ाई को धोखा ठहराया। अखिलेश यादव ने देश की 60 फीसद राष्ट्रीय संपत्ति पर 10 फीसद समृद्ध सामान्य वर्ग के लोगों के काबिज होने का हवाला देते हुए खुद को गरीब, शोषित व वंचित वर्ग की आवाज बताया लेकिन, बाद में उन्होंने सामान्य वर्ग को भी साथ लेकर चलने की बात कही। उन्होंने कहा कि अमीर और गरीब के बीच खाई और गहरी हुई है। घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों के लिए भी कोई बात न होने पर अखिलेश ने पूरी पार्टी के उनके साथ होने का दम भरा। अखिलेश ने 'बस, अब और नहीं' के शीर्षक से अपनी बात में लिखा कि देश में आधे से ज्यादा लोगों के पास केवल आठ फीसद धन है। उन्होंने नोटबंदी को क्रूर चाल बताया।
आंकड़े छिपा रही सरकार
अखिलेश यादव ने सरकार पर जाति आधारित आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आंकड़े जारी होने से ही सामाजिक न्याय और खुशहाली आएगी। अखिलेश ने नमो टीवी को लेकर कहा कि सपा भी अगली बार अपना साइकिल चैनल लेकर आएगी।
युवा भारत के लिए आधारभूत संरचना
किसान भाइयों और युवाओं के लिए विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे एवं सड़कों का निर्माण कराया जाएगा, ताकि स्कूल, बाजार और ऑफिस तक यातायात सुगम हो। सार्वजनिक यातायात सुविधा ज्यादातर लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। सार्वजनिक यातायात की दिशा में लखनऊ मेट्रो ने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
घोषणा पत्र के बारे में उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन को जनता के बीच ले जाने का काम इस किताब के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे दल की विचारधारा के क्या विचार हों उसको लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। नोटबंदी से व्यापारी उबर भी नहीं पाए थे कि जीएसटी ने उनकी कमर तोड़ दी। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास के लिए एक साथ आना होगा। हम तो किसान का पूरा कर्ज माफ होने के पक्ष में हैं। बिना महिलाओं को बराबर का सम्मान दिये विकास अधूरा है।
किसान, रोजगार और पेंशन पर मुकाबला
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में जिन बातों को प्रमुखता से दर्ज किया, सपा ने भी कमोबेश उन्हीं को आगे बढ़ाया है। कांग्रेस छह हजार रुपये महीना दे रही है तो सपा तीन हजार रुपये का प्रस्ताव लेकर आई है। किसानों की कर्जमाफी के मामले में 100 फीसद के एलान के साथ सपा ने कांग्रेस और भाजपा, दोनों को चुनौती दी है। रोजगार को लेकर भी सपा के पास अपनी विचारधारा और योजना है।
उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास के लिए एक साथ आना होगा। हम तो किसान का पूरा कर्ज माफ होने के पक्ष में हैं। बिना महिलाओं को बराबर का सम्मान दिये विकास अधूरा है।