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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर से उम्मीदवारी तय होने के बाद अपना दल (एस) ने दूसरी सीट के तौर पर राबर्ट्सगंज हासिल करने के लिए जोर लगा रखा था। ...
लखनऊ:-लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) ने समझौते के तहत उत्तर प्रदेश में मिलीं दो सीटों में से दूसरी पर भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अपना दल (एस) ने राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल अब भारतीय जनता पार्टी, अपना दल (एस), निषाद पार्टी और सुभासपा के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर से उम्मीदवारी तय होने के बाद अपना दल (एस) ने दूसरी सीट के तौर पर राबर्ट्सगंज हासिल करने के लिए जोर लगा रखा था। भाजपा उन्हें पूर्वांचल में ही दूसरी सीट देना चाहती थी लेकिन राबर्ट्सगंज ही मिलेगी, तय नहीं था। भाजपा उन्हें फतेहपुर या कानपुर में एक सीट देने पर भी विचार कर रही थी। पटेल बहुल फूलपुर सीट के लिए भाजपा के साथ उनकी बात नहीं बन पा रही थी। यहां से भाजपा अपना ही प्रत्याशी लड़ाने का मन बनाए रही।
मिर्जापुर निवासी पकौड़ी लाल कोल 2009 से 2014 तक राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं। मिर्जापुर के पटेहरा गांव निवासी सांसद पकौड़ी लाल कोल का राजनीतिक सफर भी काफी दिलचस्प था। उनको 1998 में ही समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट देने का आश्वासन दिया था लेकिन बाद में टिकट भगवती चौधरी को दे दिया। पकौड़ी लाल कोल चुनाव की तैयारी कर चुके थे इसलिए वह अपना दल से चुनाव में उतर आए। उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।
2002 में पकौड़ी लाल कोल को बसपा ने मीरजापुर के छानबे विधान सभा सीट से टिकट दिया था और उन्होंने जीत भी हासिल की थी। वर्ष 2004 में हुए लोक सभा मध्यावधि चुनाव में बसपा ने पकौड़ी लाल कोल को टिकट देने का वादा किया लेकिन बाद में मुकर गई। इससे नाराज पकौड़ी कोल नौ मार्च 2004 को फिर से समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा ने प्रत्याशी बनाया और उन्होंने बसपा के रामचंद्र त्यागी को करीब 53 हजार मतों से शिकस्त देकर सीट पर फतह हासिल कर ली।