![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
Rga news
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विकास को औरों की तरह जाति मजहब और संप्रदाय में नहीं बांटा है। .
लखनऊ: -मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दलित समाज फूट डालने वालों को पहचाने। ऐसा करने वाले दलितों के हक की लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं। इनको दलितों की तरक्की से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा ही बिना भेदभाव के सबके विकास की हिमायती है।
रविवार को बाबा साहेब डॉ.भीमराव आम्बेडकर के जन्म दिवस पर लखनऊ मेआम्बेडकर महासभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विकास को औरों की तरह जाति, मजहब और संप्रदाय में नहीं बांटा है। केंद्र और प्रदेश सरकार की कई योजनाएं इसका प्रमाण हैं। सोचें उज्ज्वला, सौभाग्य, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा, स्टार्टअप, स्टैंडअप और मुद्रा आदि योजनाओं का सर्वाधिक लाभ किसको हुआ है?
डॉ.आम्बेडकर से जुड़े पांच तीर्थ स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में किसने विकसित किया? सर्वाधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस ने कभी इनके बारे में सोचा ही नहीं। जाति की राजनीति करने वालों ने भी कभी इनकी फिक्र नहीं की। इनकी चिंता सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
वंचित तबके की आवाज बने डॉ.आम्बेडकर
योगी ने कहा कि चुनौतियों में खुद को साबित करने वाला ही महान होता है। डॉ.आम्बेडकर ऐसे ही लोगों में थे। विपरीत हालातों में भी वह वंचित तबके की आवाज बने। उनको सम्मान से जीने की प्रेरणा दी। संविधान के शिल्पी के साथ वह देश की अखंडता के प्रबल पक्षधर थे।
हर मंडल में आवासीय विद्यालय खोलने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा हर मंडल में दलितों के बच्चों की पढ़ाई के लिए एक आवासीय विद्यालय बनवाने की है। महासभा के अध्यक्ष और अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि कुछ लोगों का काम ही दलितों को धोखा देना है। दलित के बूते सत्ता में बैठने वाले ऐसे लोग आज उनके साथ गठबंधन में हैं जो दलितों के सर्वाधिक उत्पीड़क रहे हैं। जिनको सिर्फ दौलत और परिवार से प्यार है वे सामाजिक न्याय की लड़ाई की अगुआई नहीं कर सकते। इसके लिए योगी और मोदी जैसे लोग ही चाहिए। निर्मल ने एक बार फिर संस्था के विस्तार की मांग की।