
RGA News अंबाला : कथावाचक साध्वी करूणागिरी महाराज ने कहा कि जब मनुष्य के हजारों जन्मों के पुण्य उदय होते हैं, तभी उसे सत्संग के द्वारा विवेक की प्राप्ति होती है। जिससे वह ईश्वर चितन कर मोक्ष को प्राप्त करता है। वह सोमवार छावनी के गोबिद नगर स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के समक्ष प्रवचन कर रही थी। कथा में दूरदराज से पहुंचे भक्तों ने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए करूणागिरी ने कहा कि बालक ध्रुव राजा उत्तानपाद द्वारा किए गए तिरस्कार के कारण श्री नारायण की भक्ति करने के लिए वन की ओर निकल पड़ते हैं और तब तक भक्ति मार्ग पर अडिग रहते हैं जब तक स्वयं भगवान श्री नारायण उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं कर देते। उन्होंने कहा कि भगवान श्री नारायण सभी के दूखों को हरने वाले भगवान है। उनकी पूजा अर्चना करके मनुष्य सभी सुखों की प्राप्ति कर सकता है। यह संसार असत्य है और असत्य का चितन कभी भी मोक्षदायक नहीं हो सकता। वहीं, कथा पंडाल में आनंद राजस्थान के कलाकारों ने भजनों का गुणगान कर समां बांध दिया। करूणागिरी ने कहा कि मनुष्य को केवल सच्चे मन से पूजा अर्चना करने की जरुरत है। भगवान की प्राप्ति उन्हें हो ही जाएगी। समाप्ति पर भक्तों में अटूट प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर रमेश धीमान, ओपी गुप्ता, राजेंद्र कुमार, नीता खेड़ा, गोविद चावला व अन्य सदस्य मौजूद रहे।