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इसरो का कहना है कि क्रैश लैंडिंग की वजह से एमआइपी कई टुकड़ों में टूट गया था। अभी तक चांद पर अमेरिका रूस और चीन ही सॉफ्ट लैंडिंग करा पाए हैं।...
चेन्नई:-चांद पर भारत का दूसरा अभियान 'चंद्रयान-2' के जुलाई में लांच किए जाने की संभावना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
बयान के मुताबिक, चंद्रयान-2 के सभी मॉड्यूल्स को नौ जुलाई, 2019 से 16 जुलाई, 2019 के बीच लांच करने के लिए तैयार किया जा रहा है। चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर सात सितंबर को उतरने की संभावना है। चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल हैं जिनके नाम हैं- ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान)।
बता दें कि साल 2008 में भारत ने चांद पर अपना पहला मिशन चंद्रयान-1 छोड़ा था। लेकिन तब भारत ने चांद पर क्रैश लैंडिंग कराई थी जिसे हार्ड लैंडिंग भी कहा जाता है।
इसरो का कहना है कि क्रैश लैंडिंग की वजह से एमआइपी कई टुकड़ों में टूट गया था। अभी तक चांद पर अमेरिका, रूस और चीन ही सॉफ्ट लैंडिंग करा पाए हैं।