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फानी तूफान बिहार की तरफ बढ़ रहा है। कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं पटना-कोलकाता की सभी उड़ाने कैंसिल कर दी गई है। ...
पटना:- बिहार के कई इलाकों में फानी साइक्लाेन (Cyclone Fani) को लेकर मौसम विभाग ने भारी बारिश की आशंका जताई थी और अब इसका असर दिखने भी लगा है। शुक्रवार को पूरे बिहार में बादल छाए रहे। वहीं उत्त्र बिहार में आंधी-पानी से काफी तबाही हुई है। फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं तीन लोगों की मौत हो गई है। बताया जाता है कि पश्चिम चंपारण में ठनके से दो की मौत हुई है, जबकि मुजफ्फरपुर में पेड़ से दबकर बच्ची की जान चली गई। बिहार के 12 जिलों में इसका असर पड़ा है। बताया जाता है कि शनिवार को भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। फानी के कारण पटना से कोलकाता की सभी उड़ानों को कैंसिल कर दिया गया है, जबकि इसका ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ा है।
बिहार के 12 जिलों पर असर
ओडि़शा में आए फानी तूफान का असर बिहार के 12 जिलों में पड़ा है। पटना, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, सासाराम, भभुआ, बक्सर जिले के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। कहीं-कहीं तेज आंधी भी आई है, जिससे पेड़ गिर गए हैं। X
कहीं बारिश तो कहीं आकाश में छाए हैं बादल
बिहार के जिलों से मिल रही जानकारी के अनुसार किसी जिले में बारिश की खबर है तो कहीं आकाश में बादल छाए हुए हैं। पूणिया, लखीसराय, मधुबनी, जमुई, अररिया आदि जिलों में जहां आकाश में बादल छाए हुए हैं और तेज हवाएं चल रही हैं। वहीं, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, बांका, गोपालगंज समेत कुछ जिलों में बारिश हो रही है। इतना ही नहीं, गया में तो झमाझम बारिश हुई है। शनिवार को भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। शनिवार की दोपहर बाद मौसम साफ हो सकता है।
उत्तर बिहार के कई क्षेत्रों में जीवन अस्त-व्यस्त
उत्तर बिहार के कई क्षेत्रों में शुक्रवार को चक्रवात फानी के प्रभाव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। कई जगह पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया। बिजली ठप हो गई। घरों के छप्पर उड गए। ठनका गिरने से पश्चिम चंपारण में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक महिला बुरी तरह झुलस गई। मुजफ्फरपुर जिले में पेड़ गिरने से दबकर एक बच्ची की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में आंधी -पानी के साथ कई जगह ओले भी गिरे। इससे गेहूं को भारी क्षति हुई। वीटीआर के जंगल में पेड़ गिरने की सूचना है।
मौत के विरोध में सड़क जाम
पूर्वी चंपारण के सीमाई क्षेत्र रक्सौल में भी जमकर बारिश हुई। समस्तीपुर और शिवहर में भी बारिश हुई। सीतामढ़ी जिले में डीएम ने अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना के टाड़वा गांव में आंधी में सेमल का पेड़ गिर गया। इसमें दबकर चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। नाराज लोगों ने सड़क जाम कर दिया।
गेहूं की फसल को नुकसान
तेज हवा चलने के कई जिलों में फसल को नुकसान होने की सूचना है। खासकर गेहूं की फसल प्रभावित हुआ है। कुछ जिलों में तेज हवा से पेड़ गिरने के कारण नुकसान होने की सूचना है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उधर, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों को सावधान किया है।
बारिश से मौसम का बदला मिजाज
इसके पहले शुक्रवार की दाेपहर में धूल भरी आंधी चल रही थी। वहीं सिवान के गुठनी में तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है। इससे कई स्थानों पर पेड़ गिर गए हैं। वहीं गोपालगंज और बक्सर में भी बूंदाबांदी हो रही है। मौसम खुशनुमा हो गया है। पटना समेत अन्य जिलों में तापमान गिरने से भीषण गरमी से लोगों को राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार अभी दो-तीन दिनों तक गर्मी से राहत रहेगी।
सिवान में आंधी से सरयू पर बना पीपा पुल ध्वस्त
सिवान में सरयू नदी पर बना पीपा पुल शुक्रवार को जलस्तर में बढ़ोतरी और आंधी के कारण ध्वस्त हो गया। इसके साथ ही बिहार व यूपी के बीच पीपा पुल से होने वाला आवागमन बंद हो गया। सूचना मिलते ही यूपी के पीडब्ल्यूडी विभाग एवं पीपा पुलकर्मियों ने चार चक्का गाडिय़ों का आवागमन रोक दिया और मरम्मत कार्य में जुट गए। सरयू नदी के जलस्तर में जिस तरह से बढ़ोतरी हो रही है, उससे लगता है कि पीपा पुल से अब आवागमन संभव नहीं हो पाएगा।
कहते हैं मौसम विज्ञानी
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आनंद शंकर के अनुसार फानी की रफ्तार तेज होने के कारण इसका सीधा असर बिहार की आबोहवा पर भी पड़ रहा है। बिहार में 40 से 50 और उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा है। पटना में 4 मई को भी ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है।
कई ट्रेनें कैंसिल, उड़ानों पर भी असर
भारतीय रेलवे ने चक्रवाती तूफान 'फानी' की वजह से एहतियातन 223 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। रेलवे ने कोलकाता-चेन्नई मार्ग पर ओडिशा तटरेखा के साथ लगे भद्रक-विजयनगरम के बीच चार मई तक इन ट्रेनों को कैंसिल किया है। वहीं बिहार से भी गुजरनेवाली कई ट्रेनों पर इसका असर पड़ा है। पटना से कोलकाता जानेवाली उड़ानों को कैंसिल कर दिया गया है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा तटरेखा के साथ लगे कोलकाता-चेन्नई मार्ग के भद्रक-विजयनगरम सेक्शन पर 140 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों और 83 यात्री ट्रेनों को चार मई की दोपहर तक रद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नौ ट्रेनों का मार्ग बदला गया है और चार ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोका गया है।