मौसम का बिगड़ा मिजाज, किसानों की बढ़ी धुकधुकी

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 आजमगढ़ समाचार सेवा

संवाददाता: आजमगढ मौसम के अचानक बिगड़े मिजाज को देख अन्नदाताओं का कलेजा मानो हलक तक आ गया हो। तैयार गेहूं चना, मटर, सरसों, मटर की फसल तो प्रभावित हुई। आम की फसल पर असर पड़ा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार दो दिन और मौसम ऐसे रहने की जानकारी के बाद से तो किसानों के चेहरे पर ¨चता की लकीरें साफ देखी जा सकती है। रविवार की भोर में जिले के दक्षिणी इलाके में कहीं-कहीं तेज बरसात हुई। इससे किसान अपनी कटी फसल को बचाने को लेकर ¨चतित दिखा। दोपहर बाद आसमान साफ हुआ और धूप खिली तो किसान कटी फसल सुखाने में जुट गए। जिस क्षेत्र में बारिश का असर नहीं रहा वहां के किसान तो मड़ाई तेज कर दिए। गनीमत यह रही कि बूंदाबादी कम हुई, जिससे उन्होंने कुछ राहत महसूस की 

मेंहनगर प्रतिनिधि के अनुसार सुबह लगभग चार बजे तेज हवा व गरज के साथ शुरू हुई बूंदाबादी सुबह सात बजे तक जारी रही। भोरमपुर के 90 वर्षीय किसान रामपलट यादव ने बताया कि गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान नहीं है और न ही कटी फसल को। थोड़ा नुकसान खेत में बांध कर रखी गई फसल को है। उसे उलट-पलट कर सुखाना पड़ेगा। जो फसल बूंदाबादी से प्रभावित हुई है, उसकी मड़ाई पिछड़ जाएगी। पछुआ हवा व तेज धूप हो जाए तो राहत होगी। किसान उम्मीद लगाए बैठा है। जो दिख रहा है उससे तो यही लग रहा है कि इस वर्ष मौसम अच्छा नहीं रहेगा। करनहुआ गांव निवासी साहबराज ¨सह ने कहा कि गेहूं कटाई अब दो दिन तक नहीं हो सकेगी। मजदूरों की मांग के साथ मजदूरी भी बढ़ी

फूलपुर: मौसम की बेरुखी देख किसान सुबह बादल देख पुरवा व पछुआ हवा की फिक्र देख किसी भी हाल में मड़ाई कर दाना और भूसा सुरक्षित करने में लग गया है। यही कारण है कि मजदूरों के भी भाव बढ़ गए हैं। बीस बिस्वा की कटाई व बोझ बधाई दो हजार रुपये हो गई है। कटाई तेज हुई तो मजदूरी भी तेजी से बढ़ रही है। कम्बाइन मशीन संचालकों को भी फुर्सत नहीं है। मौसम की बदली चाल, किसान हुए बेहाल

अहरौला: मौसम की बदली चाल को देख खेतों में पक कर खड़ी फसल को बचाने के लिए किसान बेचैन हो गए हैं। सभी काम छोड़कर किसान फसल की कटाई और मड़ाई करने में जुट गए हैं। हल्की बारिश का पानी दुकानों में घुसा

मार्टीनगंज: हल्की बारिश ने मार्टीनगंज मुख्य बाजार जो तहसील बनने से पहले और बनने के बाद से जलनिकासी की समस्या से जूझ रही है, में जलजमाव की स्थिति हो गई। जलनिकासी की व्यवस्था न होने से बरसात का पानी दुकानों में घुस गया। बाजारवासी दिनेश गुप्ता, पप्पू मोदनवाल, सुरेश गुप्ता, प्रहलाद सेठ, रामजनम ने बताया कि दुकानों में पानी जाने से कारोबार प्रभावित हो गया।

एसडीएम इंद्रभान तिवारी ने बताया कि बाजार में जलनिकासी की समस्या की विभागीय जांच होगी। बरसात से पहले इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। जिन लोगों ने नाली पाटी या सड़क पर अतिक्रमण किया है सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। ''ओला न पड़ने से राहत जरूर है लेकिन हल्की बारिश से किसान प्रभावित हुए हैं। एक तो मड़ाई पिछड़ गई तो जो फसल खेत में गिर गई है, उसके दाने कमजोर हो जाएंगे। हालांकि अभी इतनी बारिश नहीं हुई है। बावजूद इसके अगले दो दिन में मौसम के रुख को देखते हुए किसान जल्द से जल्द कटाई व मड़ाई कर अपना उत्पाद सुरक्षित कर लें।

--संगम ¨सह मौर्य, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, आजमगढ़। ''गेहूं, दलहन व तिलहन फसल के साथ आम की फसल पर बारिश का असर होगा। यदि दो दिन ऐसे ही मौसम का रुख रहा तो नमी के कारण आम में रोग का प्रकोप बढ़ जाएगा। ऐसे में किसान अपने क्षेत्रीय कृषि रक्षा इकाई, उद्यान विभाग या फिर कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा में संपर्क कर उपचार के लिए दवा की जानकारी ले सकते हैं।

--डा. आरके ¨सह, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा।

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