बरेली संवाददाता
(बारिश से बर्बाद हुई रबी की फसल से किसानों को भारी नुकसान हुआ)
बरेली। बारिश से बर्बाद हुई रबी की फसल से किसानों को भारी नुकसान हुआ है, जबकि कृषि विभाग, तहसील स्तर के कर्मचारी और बीमा कंपनी के संयुक्त सर्वे में बरेली में रबी फसलों को सिर्फ 28 फीसद नुकसान हुआ है। शाहजहांपुर जिले में सिर्फ पांच फीसद फसलों को नुकसान हुआ। जबकि पीलीभीत और बदायूं से फसल बर्बाद की रिपोर्ट अब तक मंडल में नहीं आ सकी है।
फसल के जमीन पर गिरने की वजह से गेहूं के दाने काले पड़ चुके हैं, इससे उत्पादन के साथ ही उनका मूल्य भी कम हो जाएगा। क्रय केंद्रों पर भी काले गेहूं को नहीं खरीदा जाएगा। किसानों का जो गेहूं 1735 रुपये में बिक्री होता। वही, घटकर हजार के करीब रह जाएगा। ऐसे में किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हो गया है। फसल बीमा करने वाली कंपनियों ने जो सर्वे किया है, उनमें नुकसान बहुत कम दर्शाया है। ऐसे में किसानों को फसल बीमा से लाभ पाने की स्थिति फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
उन्नतशील किसान अनिल साहनी की माने तो अफसर बीमा कंपनियों के साथ मिलकर ऐसा सर्वे कर रहे हैं, जिससे किसानों का नुकसान कम दर्शाया जाए। सर्वे में नुकसान कम दर्शाने से मुआवजा कम देना पड़ेगा। अधिकांश सर्वे शहर के आसपास गांवों में किए गए, जबकि ग्रामीण इलाकों में स्थिति बदहाल है। -फसल बचाएं या सर्वे कराएं
गेहूं की फसल बर्बाद होने पर किसानों को बीमा कंपनियों को सूचना देनी होती है, ताकि उनकी फसल बर्बाद होने का आकलन किया जा सके। फसल बर्बाद होने के बाद किसान की प्राथमिकता में बाकी फसल को बचाना है, क्योंकि सर्वे के बाद मुआवजा मिलने में काफी वक्त लगेगा। सर्वे कराने के चक्कर में खेतों में भीगी पड़ी फसल को न सुखाने से नुकसान और बढ़ जाएगा। इस वजह से किसान फसल को सुखा रहे है। इससे तमाम किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद कम है।