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RGANews व्यूरोचीफ
दहेज में कार न मिलने पर पत्नी की हत्या करने वाले को विशेष अदालत ने सश्रम सात साल कैद की सजा सुनाई। दोषी पति को आठ हजार रुपये अर्थदंड भी भुगतना होगा। वहीं, ठोस सबूतों के अभाव में अदालत ने आरोपी सास, ससुर, देवर व ननद को बरी कर दिया।
एडीजीसी अनूप कोहरवाल ने बताया कि कस्बा सेंथल के रियासत खां ने बेटी ईराक जहां का निकाह वर्ष 2011 में बिथरी चैनपुर के गांव परसौना निवासी नाजिमउद्दीन से किया था। निकाह के डेढ़ साल बाद ही पांच जून 2013 की रात ईराक जहां की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मृतका के पिता रियासत खां की तहरीर पर थाना बिथरी चैनपुर में ससुराल वालों के खिलाफ दहेज हत्या के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोप था कि निकाह के कुछ दिनों बाद ही दहेज में कार की मांग को लेकर नाजिमउद्दीन, ससुर रियाजुद्दीन, सास गुड्डी, देवर शाहरूख और ननद सना विवाहिता को प्रताड़ित करने लगे मारपीट करते थे और मांग पूरी न होने पर उसकी हत्या कर दी। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सैय्यद सरबर हुसैन रिजवी की विशेष अदालत में हुई। विशेष अदालत ने इस मामले में पति नाजिमउद्दीन को दोषी ठहराया और उसे जेल भेज दिया।