योग जीओ और जीने दो की देता प्रेरणा : प्रो. विद्यानाथ

Praveen Upadhayay's picture

RGA News

योग मानव जीवन को उत्कृष्टता प्रदान कर कार्यकुशलता बढ़ाता है।...

दरभंगा। योग मानव जीवन को उत्कृष्टता प्रदान कर कार्यकुशलता बढ़ाता है। यह हजारों वर्ष पूर्व भारत द्वारा खोजी गई श्रेष्ठ जीवन-पद्धति है, जो विश्व को भारत की महत्वपूर्ण देन है। योग हमें जीओ और जीने दो की प्रेरणा देता है। उक्त बातें स्थानीय एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. विद्यानाथ झा ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर एपेक्स फाउंडेशन तथा भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में विद्याभवन, दिग्घी पश्चिम में योग के महत्व पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान कहीं। कहा कि योग हमारी संस्कृति की देन है, जो मानव को स्वस्थ तन और मन प्रदान करता है। मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बीबीएल दास ने कहा कि योग हमारे अंदर चेतना जागृत करता है। आज पूरा विश्व योग के महत्व को स्वीकार रहा है। योग से हमारे शरीर के पांच तत्वों में संतुलन बनता है, जिससे हमारा शरीर संतुलित एवं पुष्ट होता है। योग को अपने जीवन में अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। योग विशेषज्ञ अनिल कुमार ने योग के आठ अंगों का विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि योग अपनाने से हमारा मन शांत और एकाग्र हो जाता है और नियंत्रण में रहता है। स्वस्थ व्यक्ति योग करके सदा निरोग रहता है और अस्वस्थ व्यक्ति योग से स्वस्थ हो जाता है। योग हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। डॉ. भक्तिनाथ झा ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अछ्वुत खोज है जो हमें स्वास्थ्य एवं शांति प्रदान करता है। परिषद के सचिव डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि योग एक सर्वोत्तम जीवन-पद्धति है, जो हमारी सोई हुई अंत: शक्ति को जगा कर हमें ऊर्जावान बनाता है। अध्यक्षीय संबोधन में परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामानंद यादव ने कहा कि योग प्राकृतिक जीवन एवं प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो सभी के लिए सरल, सस्ता तथा उपयोगी है। इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रेरणा नारायण ने प्रथम, मनीषा कुमारी ने द्वितीय तथा मीनाक्षी कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मौके पर दिलीप महासेठ, चंद्र मोहन झा, तरुण मिश्र, छोटे कुमार चौधरी आदि ने संगोष्ठी को संबोधित किया। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ. केके चौधरी ने कहा कि योग हमें चिता, तनाव, भय आदि शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों से दूर करता है। कार्यक्रम का संचालन पुरुषोत्तम झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन परिषद के कोषाध्यक्ष आनंद भूषण ने किया।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.