अमेरिका से तनातनी के बीच ईरान का बड़ा बयान, कहा- देंगे मुंहतोड़ जवाब

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरी क्षणों में ईरान पर हमले का फैसला वापस भले ले लिया हो लेकिन टकराव थमता नहीं दिख रहा है।...

दुबई:-अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरी क्षणों में ईरान पर हमले का फैसला वापस भले ले लिया हो, लेकिन टकराव थमता नहीं दिख रहा है। ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका की ओर से आने वाले हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजनयिक प्रतिनिधि को तलब भी किया है। उसका आरोप है कि यूएई ने अपनी सीमा में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे से अमेरिका को ड्रोन उड़ाने की इजाजत दी। इसी ड्रोन को ईरान ने मार गिराया था।

ईरान के हाथों अमेरिकी सेना का ड्रोन मार गिराए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। ईरान का दावा है कि ड्रोन उसकी हवाई सीमा में उड़ रहा था। वहीं, अमेरिका ने इस बात से इन्कार किया है।

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन का कहना है कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में उड़ रहा था। इस घटनाक्रम से तनाव इस कदर बढ़ गया कि शुक्रवार को ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश भी दे दिया था। हालांकि आखिरी पल में उन्होंने यह कहते हुए हमला रोक दिया कि इससे कई लोगों की जान चली जाएगी।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा, 'हम अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका चाहे कोई भी फैसले करे लेकिन ईरान अपनी सीमाओं का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा। हम हर खतरे का जवाब देने को तैयार हैं।' ईरान के सैन्य प्रवक्ता ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है।

प्रवक्ता अबुलफजल शेकार्ची ने कहा, 'ईरान के दुश्मनों खासकर अमेरिका और उसके सहयोगियों की कोई भी गलती बारूद में आग लगाने जैसी होगी जो अमेरिका को पूरी तरह नष्ट कर देगी।' ईरान ने युद्ध से क्षेत्रीय हितों को नुकसान होने की बात भी कही है

बता दें कि पिछले साल अमेरिका ने 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग कर उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों में तनातनी बनी हुई है।

तेल टैंकरों पर हमले से बढ़ा टकराव

होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के पास ओमान की खाड़ी में गत 13 जून को दो तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया था। इस के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। जबकि ईरान ने अपना हाथ होने से इन्कार किया था। इसी क्षेत्र में गत 12 मई को भी चार तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया था। तब सऊदी अरब ने हमले में ईरान का हाथ बताया था। इन घटनाक्रमों से हालात जटिल हुए हैं।

ट्रंप ने सऊदी के प्रिंस से की बात

ट्रंप ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से ईरान मामले पर फोन पर बात की है। व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं की बात गुरुवार को ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन मार गिराए जाने के तुरंत बाद हुई थी। उनके बीच पश्चिम एशिया में स्थिरता और वैश्विक तेल बाजार के संतुलन में सऊदी की भूमिका पर भी चर्चा हुई।

ईरान जाएंगे ब्रिटेन के मंत्री

ब्रिटेन के पश्चिम एशिया मामलों के मंत्री एंड्रयू मुरिसन रविवार को ईरान जाएंगे। ब्रिटेन का कहना है कि इस दौरे में स्पष्ट और प्रभावी बात होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'क्षेत्र में बढ़ते तनाव और परमाणु समझौते के भविष्य के लिहाज से इस मुश्किल वक्त में यह दौरा ईरान के साथ स्पष्ट बातचीत का मौका देगा।' जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी संकट के राजनीतिक समाधान पर जोर दिया है।

ईरान ने कहा, हमारा हवाई क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित

ड्रोन मार गिराए जाने के बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने विमानन कंपनियों को ईरान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने से रोक दिया है। कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने भी इस दिशा में कदम उठाया है। इस पर ईरान ने कहा, 'हमारा हवाई क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है। यहां सभी एयरलाइंस को उड़ान की इजाजत है।' 

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