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पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 1988 में हुए रोड रेज के एक मामले में राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जाना और तीन साल कैद की सजा सुनाया जाना सही फैसला था।
नई दिल्ली: हाल ही में 1988 के पटियाला रोड रेज मामले में पंजाब कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ही मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की सजा को बरकरार रखने की मांग की। इस मामले में पीड़ित के पोते से बात की। उन्होंने कहा कि वो आरोपी के लिए मौत की सजा चाहते हैं। पीड़ित के पोते ने कहा, 'हम इस मामले में मौत की सजा चाहते हैं। उन्हें उनके अपराध के लिए दंडित किया जाना चाहिए।' इन्होंने कहा कि एक टीवी शो पर उन्होंने स्वीकार किया है कि जब अपराध हुआ था, तब वह मौजूद थे।
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 1988 में हुए रोड रेज के एक मामले में राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जाना और तीन साल कैद की सजा सुनाया जाना सही फैसला था। हालांकि निचली अदालत ने सिद्धू को गुरनाम सिंह की हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन इसके बाद हाई कोर्ट ने दिसंबर 2006 में फैसले को पलट दिया था और सिद्धू तथा सह आरोपी रूपिंदर सिंह संधु को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया था और उन्हें तीन-तीन साल कैद और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी।