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इस बार अफसरों का दावा है कि कांवड़ियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए अफसराें ने सुरक्षा का पूरा खाका तैयार कर लिया है। इसमें किसी भी प्रकार की चूक नहीं होने देने का दावा है।...
मेरठ:-कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजामों पर मंथन शुरू कर दिया है। अफसरों का दावा है कि कांवड़ियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी, इसलिए वह शहर या हाईवे की बजाय गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग का इस्तेमाल करें। कांवड़ियों की सुरक्षा किसी प्रकार भी चूक न हो,इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
110 किलोमीटर लंबा कांवड़ पटरी मार्ग
गाजियाबाद के मुरादनगर से उत्तराखंड तक करीब 110 किलोमीटर लंबे कांवड़ पटरी मार्ग पर 127 कट चिह्न्ति किए गए हैं। कांवड़ियों को किसी असुरक्षा का सामना न करना पड़े, इसके लिए इन कटों पर फोर्स तैनात रहेगी। इसके लिए पिछली साल की अपेक्षा 20 फीसद अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई है। जमीन पर अर्धसैनिक बल व आसमान से ड्रोन व हेलीकॉप्टर के जरिये निगरानी की जाएगी।
पीआरवी,एंबुलेंस व गोताखोर होंगे तैनात
कांवड़ पटरी मार्ग पर अलग से यूपी-100 की 10 गाड़ियों के अलावा एंबुलेंस और पुलिस-पीएसी की पिकेट रहेगी। पीएसी के गोताखोर भी तैनात रहेंगे। कांवड़ियों की सुरक्षा व सहूलियत को देखते हुए 11 स्थानों पर बैरियर लगाकर डायवर्जन किया जाएगा। इनमें छह स्थान नगर क्षेत्र में और पांच ग्रामीण क्षेत्र में हैं।
इस तरह की जाएगी सुरक्षा
नोडल अधिकारी ने बताया कि कांवड़ पटरी मार्ग पर हेलिकॉप्टर से पेट्रोलिंग की जाएगी। एक सप्ताह के लिए हेलीकॉप्टर मंगवाया जाएगा। इस बार कैमरों की संख्या बढ़ाकर 250 कर दी गई है।
आतंकी गतिविधियों पर नजर रखेगी एटीएस
पिछली बार पांच कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ, एक कंपनी एसएसबी, चार निरीक्षक स्थानीय अभिसूचना के, 900 आरक्षी, 20 सीओ, 31 इंस्पेक्टर, 140 एसआइ 70 मुख्य आरक्षी सुरक्षा में लगाए गए थे, इस बार 20 फीसद अतिरिक्त फोर्स रहेगी। एटीएस का दस्ता भी तैनात रहेगा।
सफाई करने के आदेश
एसडीएम अंकुर श्रीवास्तव ने वन रेंजर, पीडब्लूडी व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मंगलवार को 35 किलोमीटर मध्यगंगा नहर कांवड़ पटरी का निरीक्षण कर जगह-जगह टूटी सड़क को दुरुस्त करने और उग आई घास व झाड़ियों की साफ सफाई करने के आदेश दिए।
अधिकारियों ने किया दौरा
एसडीएम अंकुर श्रीवास्तव,तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता, वन रेंजर विनोद कुमार, पीडब्लूडी के एई ऐके सिंह और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के साथ मुजफ्फरनगर की झोली तक पहुंचे। जहां पटरी में जगह गड्ढे और कंकरीट उखड़ी हुई मिली। पटरी पर घास के साथ पेड़ उग आए और झूलते हुए पेड़ मार्ग में अवरूद्ध पैदा कर रहे थे। सिंभावली में एसडीएम ने बताया कि पीडब्लूडी और सिंचाई विभाग द्वारा टूटी सड़क को दुरुस्त करेगा। जबकि वन विभाग घास के साथ पेड़ों की छटाई करेगा जिससे कांवड़ यात्रा में कोई अवरूद्ध पैदा न हो। यह काम यात्र शुरू होने से पहले पूरा किया जाएगा।
22 जोन व 62 सेक्टर में बांटा जिला
कांवड़ सेल के नोडल अधिकारी व एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि यात्र में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जिले को 22 जोन और 62 सेक्टर में बांटा गया है। 14 जोन शहर और आठ जोन देहात क्षेत्र में हैं। इसी तरह 31 सेक्टर शहर और 31 सेक्टर देहात क्षेत्र में होंगे। प्रत्येक जोन में एडिशनल एसपी, सीओ और फोर्स के साथ एक-एक मजिस्ट्रेट भी तैनात रहेंगे।
113 स्थानों पर होगी पिकेट
कांवड़ पटरी मार्ग पर 113 स्थानों पर पिकेट लगाई जाएगी। पिकेट को तीन स्तर में बांटा गया है, जिनमें पिकेट, अतिरिक्त पिकेट व संवेदनशील पिकेट शामिल हैं। संवेदनशील पिकेट्स की संख्या 42 है, जहां अतिरिक्त फोर्स रहेगी।
प्रेशर प्वाइंट के हिसाब से लगेंगे बैरियर
शहर में 14 प्रेशर प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं। उसी के हिसाब से बैरियर लगाए जाएंगे। पिछले वर्ष हाईवे व शहर में 50 स्थानों पर अस्थायी ब्रेकर बनाए गए थे, जिनकी संख्या इस बार बढ़ाई जाएगी। 200 बैरियर दूसरे जिलों से मांगे गए हैं।
इनका कहना है
कांवड़ लेकर आने वाले शिवभक्त कांवड़ पटरी मार्ग का इस्तेमाल करें, इसके लिए उन्हें सुरक्षा व सहूलियत देने पर पुलिस का पूरा जोर है। सुरक्षा खाका तैयार कर लिया गया है। किसी भी स्तर पर कोई चूक या लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।
- प्रशांत कुमार,एडीजी