गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के चक्कर में प्रशासन ने खुदवा दिए 33 हजार टॉयलेट के गड्ढे

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RGA न्यूज संवाददाता 

गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए प्रशासन के सामने बुधवार शाम तक 33 हजार टॉयलेट तैयार कराने का विशालकाय टारगेट है. टारगेट हासिल करने के लिए अंतिम समय में सीडीओ लगातार क्रिकेट टीम के कप्तान की तरह रणनीति बदल रहे हैं. बजट कम होने के बावजूद प्रशासन 33 हजार टॉयलेट के गड्ढे खुदवाने में कामयाब हुआ है.

20 हजार टॉयलेट की पिट तैयार हो गईं हैं.मगर 33 हजार शौचालयों को उधार की रकम से पूरा करना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है. मिशन 33 हजार के पार की अगुवाई कर रहे सीडीओ ने फील्ड में 5 हजार कर्मचारी-अधिकारियों को उतार दिया है. गांव-गांव शौचालयों के निर्माण की मॉनीटरिंग की जा रही है.

प्रधानों की मदद से किसी तरह लक्ष्य हासिल करने के लिए 33 हजार टॉयलेट के गड्ढे खुदवा दिए. बरेली के तमाम राज-मिस्त्री  शौचालयों के निर्माण में लगा दिए. अभी तक बीस हजार शौचालयों का दीवारे ही बनी सकीं हैं. बुधवार को लिंटर पड़ जाएगा. मगर करीब 13 हजार शौचालयों के निर्माण रिकार्ड की राह में रोड़ा बन रहा है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी कुछ हिचकते हुए लक्ष्य हासिल करने का दावा जरूर कर रहे हैं.

नवाबगंज इलाके के एक गांव में शौचालयबनाने के लिए खोदे गए गड्ढे

लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. मगर लक्ष्य बहुत बड़ा है. पांच दिन में पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. सीडीओ ने कहा कि 33 हजार टॉयलेट का निर्माण पूरा कराने के लिए एक-दो दिन की और जरूरत पड़ सकती है. अगर आठ दिन में 33 हजार शौचालयों का निर्माण पूरा हुआ तब भी यह रिकार्ड होगा.

 

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