
RGA न्यूज हिमाचल प्रदेश
शिमला के चौपाल उपमंडल के तहत पौड़िया पंचायत के रानवी में एक बोलेरो कैंपर खाई में जा गिरी। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए।
मृतकों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। हादसा सुबह करीग 11.30 बजे हुआ। दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस के अनुसार एक बोलेरो कैंपर (एचपी-08ए-0635) पौड़िया से नेरवा की ओर जा रही थी।
रानवी पहुंचने पर यह गाड़ी करीब तीन सौ फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से शव खाई से निकाले।
गाड़ी में कुल आठ लोग सवार थे, जिनमें से पांच की मौके पर ही मौत हो गई। बुरी तरह से घायल एक व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ा। मरने वाले सभी चौपाल क्षेत्र की पौड़िया पंचायत के हैं।
ये लोग हुए हादसे का शिकार
मृतकों में सुनील (32) गजटाडी, राजेंद्र गजटा (58) बुडच, कलावती (47) और देवी सिंह (65) रानवी, शांता देवी (55) और कल्पना (45) पौड़न शामिल हैं। पारस (23), चालक अरुण (36) निवासी गजटाडी हादसे में घायल हुए हैं।
घायलों को नेरवा अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद आईजीएमसी शिमला भेज दिया है। इनमे से कल्पना ने नेरवा अस्पताल में अंतिम सांसे लीं। हादसे के दो घायलों पारस पुत्र प्रेम चंद(23) गांव गज़टाडी और चालक अरुण पुत्र नरेंद्र सिंह को नेरवा अस्पताल लाया गया।
दुर्घटना का पता चलते ही डीएसपी चौपाल संतोष शर्मा और तहसीलदार नेरवा ऋषभ शर्मा पुलिस और राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तहसीलदार नेरवा ने मृतकों के परिवार वालों को दस-दस हजार रुपये और घायलों को पांच-पांच हजार रुपये की राशि बतौर फौरी राहत प्रदान की है।
डीएसपी चौपाल ने बताया कि नेरवा थाने में आईपीसी की धारा 279, 337 और 304ए के तहत मामला दर्ज कर दुर्घटना के करने की जांच आरंभ कर दी है।
छह लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ी बंद बस सेवा
सत्तर के दशक से चल रही रानवी-शिमला बस को बंद करने का परिवहन निगम का निर्णय छह लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ गया। बसों की कमी के चलते लोगों को मजबूरन मालवाहक वाहनों में यात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
वीरवार को हुए सड़क हादसे में मारे गए लोगों को भी मजबूरन बोलेरो कैंपर में आना पड़ा। रानवी के जिस क्षेत्र में यह दर्दनाक हादसा पेश आया है उस क्षेत्र से तीन माह पूर्व तक सुबह के समय परिवहन निगम की दो बसें चलती थीं।
एक बस रानवी से नेरवा और दूसरी वाया नेरवा-त्यूणी-खड़ापत्थर शिमला चलती थी। इन बसों में अक्सर भीड़ रहती थी। प्रतिदिन नेरवा की तरफ आने वाली सवारियों की तादाद को देखते हुए जहां इस क्षेत्र में बसों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए थी, वहीं पर एक बस को बिना किसी कारण बंद कर दिया गया।
यह बस सेवा सत्तर के दशक में झिकनी पुल तक चलती थी, जिसे बाद में क्यारनू और फिर रानवी तक कर दिया गया था। नेरवा-शिमला बस को तीन माह पूर्व परिवहन निगम ने बिना किसी कारण बंद कर दिया।
परिवहन निगम का यह फैसला आज छह जिंदगियों पर भारी पड़ गया। वीरवार को रानवी के समीप हुए हादसे में छह लोगों की जान चली गई। जबकि दो अन्य जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। अगर क्षेत्र में बस सेवा पहले जैसी बहाल रहती तो सभी लोगों को एक साथ बोलेरो कैंपर में न आना पड़ता।
इस बस में बमटा, रुसलाह, पौड़िया, भारण, क्यारनू और रानवी आदि क्षत्रों के लोग सफर करते थे। बस सेवा बंद होने पर एक मात्र बस खचाखच भरी रहती थी। इससे बुजुर्ग और महिलाएं मजबूरन निजी गाड़ियों अथवा टैक्सियों में सफर करते हैं।
वीरवार को हुए हादसे में भी मरने वालों में तीन महिलाएं और तीन बुजुर्ग शामिल हैं। दुर्घटना के बाद लोगों में परिवहन निगम के शिमला-रानवी बस सेवा बंद करने पर निगम के खिलाफ भारी रोष है। लोग इस दुर्घटना में हुई छह लोगों की मौत के लिए सीधे परिवहन निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
(निगम की बस सेवा बंद होने पर जनता में रोष)