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(चंपावत जिला अस्पताल में डॉ का इंतजार करते मरीज)
RGA न्यूज (ब्यूरो चीफ) तुलसी शर्मा
नाम बड़े और दर्शन छोटे। ये कहावत जिले के सबसे बड़े अस्पताल जिला अस्पताल पर फिट बैठती है। जिला अस्पताल में बुखार में काम आने वाली पैरासिटामोल जैसी मामूली दवा उपलब्ध नही है। यहीं नहीं कैल्शियम और आयरन की गोलियां उपलब्ध होने के बाद भी मरीजों को नहीं मिल पा रही है। इन दवाओं की क्वालिटी जांचने के लिए सैंपल दिल्ली की लैब में भेजे गए हैं। सही रिपोर्ट आने के बाद ही ये दवाइयां मरीजों को दी जा सकेंगी।
जिला अस्पताल में पहली अप्रैल से यहां पैरासिटामोल का अभाव बना हुआ है। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पैरासिटामोल के बजाय मरीजों को डिक्लोपारा दवा दी जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने महानिदेशालय से फरवरी और मार्च में दो बार पैरासिटामोल दवाई की मांग की। बावजूद इसके दवाई अभी तक नहीं मिल सकी हैं। जिला अस्पताल में एक माह में दस हजार पैरासिटामोल की गोलियों की जरूरत होती है। बीते 18 दिनों से यहां के डाक्टर पैरासिटामोल के बजाय दूसरी दवा से काम चला रहे हैं।
इसके अलावा अस्पताल में आयरन और कैल्शियम की गोलियां तो उपलब्ध हैं। लेकिन ये दवा मरीजों को नहीं बांटी जा रही है। दरअसल महानिदेशालय कार्यालय ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को मार्च अंतिम सप्ताह में पत्र लिख आयरन और कैल्शियम की क्वालिटी जांचने को सैंपल लैब में भेजने के आदेश दिए थे। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने दोनों दवाईयों के सैंपल दिल्ली लैब में जांच के लिए भेजे। एक पखवाड़े से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक रिपोर्ट नहीं आ सकी है। जिस वजह से ये दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध होने के बाद भी मरीजों को नहीं दी जा रही है।
कोट
जिला अस्पताल में एक पखवाड़े से पैरासिटामोल उपलब्ध नहीं है। फरवरी और मार्च माह में दो बार महानिदेशालय से दवाइयों की मांग की जा चुकी है। पैरासिटामोल के बजाय मरीजों को दूसरी दवाइयां देकर काम चलाया जा रहा है।
डा.आरके जोशी,
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल।
कोट
आयरन और कैल्शियम की क्वालिटी जांचने के आदेश महानिदेशालय कार्यालय से मिले हैं। इन दवाइयों के सैंपल को जांच के लिए दिल्ली लैब में भेजा गया है। अप्रैल माह के अंत तक रिपोर्ट आने की संभावना है। उसके बाद ही आयरन और कैल्शियम मरीजों को दी जा सकेगी।
डा. रश्मि पंत एसीएमओ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
इस काम आती है पैरासिटामोल, आयरन और कैल्शियम
चंपावत। पैरासिटामोल बुखार और मामूली दर्द में काम आती है। जबकि आयरन और कैल्शियम की गोलियां गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है। आयरन खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाती है। जबकि कैल्शियम गठिया के अलावा अन्य बीमारियों में लाभदायक होती है।
इन ग्यारह पदों पर नहीं है तैनाती
चंपावत। जिला अस्पताल में दवाइयों की तो कमी है ही। विशेषज्ञ डाक्टरों का भी अभाव बना हुआ है। वर्तमान में यहां फिजिशियन, न्यूरो सर्जन, यूरोलोजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन, ह्दय रोग विशेषज्ञ, चर्म रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सर्जन, निश्चेतक और स्त्री रोग विशेषज्ञ के दो पद रिक्त हैं।
चंपावत जिला अस्पताल की ओपीडी में आए मरीजों की संख्या
1- जनवरी 2018 - 3216
2- फरवरी 2018 - 3285
3- मार्च 2018 - 3191
4- अप्रैल अब तक - 1505