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काल भैरव नाथ की पौराणिक कथा

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शिवपुराण के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव(kala bhairava) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि कालभैरव का व्रत रखने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और साथ ही जादू-टोना और तंत्र-मंत्र का भय भी खत्म हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कालभैरव की पूजा करने से सभी नवग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं और उनका अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है। 

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शिवपुराण के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव(kala bhairava) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि कालभैरव का व्रत रखने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और साथ ही जादू-टोना और तंत्र-मंत्र का भय भी खत्म हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कालभैरव की पूजा करने से सभी नवग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं और उनका अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है। 

कौन थे महर्षि दयानंद सरस्वती? जानें समाज में उनका अमूल्य योगदान

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कौन थे महर्षि दयानंद सरस्वती? जानें समाज में उनका अमूल्य योगदान 

आर्यसमाज के संस्थापक और वेदोद्धारक महर्षि दयानंद को वेदों के प्रति अटूट विश्र्वास तो था ही वे इन्हें ईश्र्वरीयवाणी और अपौरुषेय भी मानते रहे। वे वेदों को सनातन का चिर नवीन ज्ञान-विज्ञान धर्म अध्यात्म दर्शन और मानव मूल्यों का उद्गम भी मानते हैं।

कैसे हुआ था सोमनाथ मंदिर का निर्माण, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

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 कैसे हुआ था सोमनाथ मंदिर का निर्माण, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में सोमनाथ मंदिर का महत्व अत्याधिक है। कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण चंद्रदेव ने किया था। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना जाता है। इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है...

गुरुवार का व्रत रखने वाले इस विधि से करें पूजा, प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

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गुरुवार का व्रत रखने वाले इस विधि से करें पूजा, प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

 गुरुवार भगवान विष्णु की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि आती है। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए इस दिन पूजा एवं व्रत रखने का प्रावधान है

गणेश जी को क्यों करने पड़े थे दो विवाह? पढ़ें यह पौराणिक कथा

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गणेश जी को क्यों करने पड़े थे दो विवाह? पढ़ें यह पौराणिक कथा

गौरी पुत्र गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है लेकिन अपने ही एकदंत और लम्बोदर स्वरूप के कारण उनके विवाह में कठिनाई आने लगी थी। जिससे नाराज होकर वो अन्य देवताओं के विवाह में विघ्न डालने लगे थे।

क्या होता है रुद्राक्ष? कैसे हुआ उत्पन्न? जानें इसका महत्व और धारण करने का नियम

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 क्या होता है रुद्राक्ष? कैसे हुआ उत्पन्न? जानें इसका महत्व और धारण करने का नियम 

रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसका संबंध भगवान शिव से है। हिंदू धर्म के मानने वाले इसकी पूजा भी करते हैं। यह बहुत ही लाभकारी माना गया है परंतु इसे धारण करने से पहले आपको इसके विषय में जान लेना चाहिए

अचला एकादशी: भक्तों पर होती श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा, जानिए... कब और कैसे करें पूजन

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ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि छह जून को अपरा या अचला एकादशी है।

अचला एकादशी छ जून 2021 को अचला एकादशी है। इस व्रत के करने वालों श्रद्धालु पर भगवान विष्‍णु की विशेष कृपा होती है। यह व्रत काफी महत्‍व का है। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्‍व है। व्रत करने पर पापों से मुक्ति मिलती है।

10 जून को सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा; जानिए कौनसी राशियां होंगी प्रभावित

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सूर्य ग्रहण से प्रभावित होंगी राशियां, जानिए लखनऊ के ज्योतिषाचार्य से उपाय।

लखनऊ के आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि गर्भवती को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। अन्य कार्य सामान्य दिनों की भांति कर सकते हैं।राशियों पर पड़ेगा प्रभावआचार्य आनंद दुबे ने बताया कि ग्रहण भले ही न दिखे लेकिन ब्रह्मांड में घटना का प्रभाव राशियों पर जरूर पड़ता है।

Sai Ke Anmol Vachan: साईं के 10 अनमोल वचन, जो बदल देंगे जीवन जीने का नजरिया

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Sai Ke Anmol Vachan: साईं के 10 अनमोल वचन, जो बदल देंगे जीवन जीने का नजरिया

Sai Ke Anmol Vachan शिरडी के साईं बाबा एक आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण और इंसानियत के लिए समर्पित कर दिया। उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं प्रेम क्षमा दूसरों की मदद दान संतोष और ईश्वर की भक्ति पर केंद्रित हैं।

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