काल भैरव नाथ की पौराणिक कथा
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शिवपुराण के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव(kala bhairava) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि कालभैरव का व्रत रखने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और साथ ही जादू-टोना और तंत्र-मंत्र का भय भी खत्म हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कालभैरव की पूजा करने से सभी नवग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं और उनका अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है।