मेंढक कम होने से बेकाबू हो रहीं बीमारियां, प्रयोग और कीटनाशकों के कारण संख्या में गिरावट
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RGA न्यूज़ छत्तीसगढ़ बिलासपुर
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्राणी विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. कोमल सिंह सुमन प्रकृति में मेंढकों की मौजूदगी पर न केवल शोध कर रहे हैं वरन चार साल से उनके संरक्षण के लिए मुहिम भी चला रहे हैं। डॉ. सिंह का कहना है कि शोध के नाम पर और कीटनाशकों के चलते बड़ी संख्या में मेंढकों का खात्मा हुआ है। यही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी कई घातक बीमारियों के विस्तार का कारण बन गया है।
देश में मेंढकों की संख्या घटी