मोदी सरकार बुजुर्गो की जिंदगी को संवारने के लिए उठाएगी बड़े कदम, वयोश्री योजना पूरे देश में लागू

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RGA न्यूज़ दिल्ली

नई दिल्ली। बुजुर्गो की जिंदगी कुछ और आसान हो सकती है । सरकार कुछ बड़े ऐलान की तैयारी में है। इसके तहत उन्हें मुफ्त में कुछ और ऐसे उपकरण दिए जा सकते है, जो उनके जीवन को आसान बना सकते है। इनमें गले और घुटने के कॉलर सहित कमर के दर्द को कम करने के लिए बेल्ट जैसे करीब दस और उपकरणों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। मौजूदा समय में सरकार की ओर से बुजुर्गो को छड़ी, वॉकर, श्रवण यंत्र, चश्मा जैसे आठ उपकरण दिए जाते है।

इसके साथ ही वयोश्री योजना पूरे देश में लागू को भी विस्तार देने का फैसला लिया गया है। इसके तहत अगले पांच सालों में योजना को सभी जिलों में पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। अब तय यह योजना देश के सिर्फ 327 जिलों में ही लागू है। हालांकि इस साल के अंत तक चार सौ जिलों में योजना को पहुंचाने की तैयारी है। इस दौरान उन जिलों को प्राथमिकता से शामिल किया जा रहा है, जिनके लिए सांसदों की ओर से मांग आ रही है।

बुजुर्गो की संख्या 11 करोड़

देश में 2011 के आंकड़े के मुताबिक बुजुर्गो की संख्या करीब 11 करोड़ है। इनमें से 70 फीसद से अधिक बुजुर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है। इनमें करीब छह फीसद बुजुर्ग बुढापे से जुड़ी अलग-अलग प्रकार की विकलांगता से पीडि़त है। एक रिपोर्ट में मुताबिक वर्ष 2026 तक देश में बुजुर्गो की आबादी बढ़कर करीब 18 करोड़ हो जाएगी।

वयोश्री योजना के विस्तार को लेकर सरकार इसलिए भी उत्साहित है, क्योंकि इसे विस्तार देने में किसी भी तरह की कोई वित्तीय बाधा नहीं है। यह इसलिए है, क्योंकि इस योजना का संचालन बैंकों सहित सभी वित्तीय संस्थानों में जमा उस पैसे से किया जाता है, जिसके कोई दावेदार नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के पास इस तरह के करीब 14 हजार करोड़ रुपए मौजूद है।

उत्तर प्रदेश के 23 जिले है शामिल

वयोश्री योजना में फिलहाल उत्तर प्रदेश के भी 23 जिले शामिल है। हालांकि अब तक इनमें से सिर्फ आठ जिलों में ही बुजुर्गो को मदद के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध कराई गई है। इनमें लखनऊ, पीलीभीत, गोरखपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर, फतेहपुर, बरेली और अमेठी शामिल है। बाकी जिन जिलों में ऐसे शिविर आयोजित होने वाले है, उनमें वाराणसी, ललितपुर, चंदौसी, नोएडा, इलाहाबाद, चित्रकूट, बलरामपुर, बहराइच, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, रायबरेली, सुल्तानपुर, बागपत और कानपुर शामिल है।

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