
नई दिल्ली: (RGA न्यूज) विश्वविख्यात कंपनियों को तैयार सड़कों के टोल वसूली के ठेके देकर एकमुश्त रकम हासिल करने की केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की स्कीम रंग लाने लगी है। इसके तहत 648 किलोमीटर लंबाई वाले नौ तैयार राजमार्गो पर टोल वसूली का ठेका हासिल करने के लिए आस्ट्रेलिया के मकोरी ग्रुप ने 9681.5 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई है। इन राष्ट्रीय राजमार्गो का संबंध मुख्यतया आंध्र प्रदेश तथा गुजरात से है।
एनएचएआइ सूत्रों के अनुसार टोल, आपरेट एंड ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल के तहत प्रस्तुत इस पहली ही स्कीम को इतनी बड़ी कामयाबी मिली है। क्योंकि एचएचएआइ को इसमें साढ़े छह हजार करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगने की उम्मीद नहीं थी। मकोरी समूह की कंपनी मकोरी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड रियल एस्टेट भारत की टोल आधारित राजमार्ग परियोजनाओं में पहले से निवेश कर रही है। टीओटी के तहत उसे उक्त राजमार्गो पर 30 वर्षो के तक लिए टोल वसूली का मौका मिलने की आशा है
एनएचएआइ के चेयरमैन दीपक कुमार ने इस पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि निवेशक भारत के राष्ट्रीय राजमार्गो को कितनी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्ति मानते हैं।
जिन अन्य तीन कंपनियों ने इस स्कीम में बोली लगाई है उनकी बोली छह-सात हजार करोड़ रुपये के आसपास ही है। इनमें ब्रुकफील्ड ने 7511 करोड़ रुपये, आइआरबी-आटोस्ट्रेड ने 6930 करोड़ रुपये तथा रोडिस-एनआइआइएफ ने 6611 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह निवेश भारत के सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में हुए अब तक के सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों में से एक होगा। खास बात ये है कि यह राशि एनएचएआइ को अग्रिम तौर पर प्राप्त हो जाएगी जिसका उपयोग वो नई सड़क परियोजनाओं के वित्तपोषण में कर सकेगा।
सरकार ने 2016 में एनएचएआइ को सरकारी निवेश वाले 75 राष्ट्रीय राजमार्गो के मौद्रीकरण का अधिकार प्रदान किया था। इनकी कुल लंबाई 4500 किलोमीटर है। टीओटी के अगले दौर में एनएचएआइ 1700 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों के टोल वसूली के ठेके दे सकता है।