पुराना स्मार्टफोन दिव्यांग को आत्मनिर्भर बनने में कर सकता है मदद, नारायण सेवा संस्थान की यह है पेशकश

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RGA न्यूज़ नई दिल्ली

नई दिल्ली:- नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस), अपनी कॉर्पोरेट साझेदारी कार्यक्रम पहल के तहत दिव्यांग लोगों को निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी और दवा उपलब्ध कराने के लिए एक बहुत ही अभिनव अभियान लेकर आया है। एनएसएस और जयपुर स्थित स्टार्टअप इंस्टाकैश के बीच एक एमओयू किया गया है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर का उद्देश्य दिव्यांगों के चि कित्सा उपचार, पुनर्वास, प्रतिभा का पोषण करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सहायता करना है।

देश में सबसे बड़ा ई-वेस्ट माने जा रहे पुराने स्मार्टफोन अब किसी दिव्यांग को आत्मनिर्भर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। पद्मश्री से सम्मानित कैलाश अग्रवाल की ओर से संचालित गैर सरकारी संगठन नारायण सेवा संस्थान ने यह घोषणा करते हुए बताया कि एनएसएस की ओर से री-कॉमर्स कमर्शियल स्टार्टअप इंस्टाकैश के साथ हाथ मिलाया गया है, जो ग्राहकों को अपने पुराने स्मार्टफोन को एक पारस्परिक रूप से बायबैक मूल्य पर बेचने और इस नेक काम के लिए मूल्य के अंश में योगदान करने में सक्षम बनाता है।

श्री नारायण सेवा संस्थान के प्रेसिडेंट प्रशांत अग्रवाल ने कहा, नारायण सेवा संस्थान में, हमने उदयपुर जिले के बड़ी गांव में स्थित ’स्मार्ट विलेज फॉर डिफरेंटली एबल्ड’ के तहत सब कुछ सुलभ बनाया है। दिव्यांगों के पुनर्वास के हमारे नेक काम में भी कुछ बुनियादी लागत है, जो हम दिव्यांगों को पूरी तरह से मुफ्त प्रदान कर रहे हैं। इंस्टाकैश के साथ हाथ मिलाना ऐसे प्रयासों में से एक है जो ई-कचरे के खतरों से पर्यावरण का संरक्षण करते हुए इस प्लेटफार्म के माध्यम से क्राउडफंडिंग को सक्षम करने में मदद करेगा। हम इंस्टाकैश जैसे कॉरपोरेट भागीदारों और कई अन्य लोगों के शुक्रगुजार हैं जो समाज में अलग-थलग पड़े लोगों को मुख्यधारा के लाने में मदद करते हैं।’

एमओयू के अनुसार इंस्टाकैश ऐप अपने सी2बी री-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तहत ’डोनेशन’ का विकल्प प्रदान करेगा, जहां सेकंड हैंड स्मार्टफोन विक्रेता शारीरिक रूप से अशक्त दिव्यांगों के पुनर्वास की दिशा में अपने स्मार्टफोन के मूल्य का एक अंश दान कर सकते हैं। इस कदम से, दोनों संगठनों का लक्ष्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। इंस्टाकैश के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, मोहित भंभाणी ने कहा, ‘‘हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा प्लेटफॉर्म देशभर के स्वयंसेवकों को दान के लिए योगदान करने में सक्षम बनाता है। हमने 2 लाख से अधिक पुराने स्मार्टफोन को री-फर्निश्ड किया हैं और इन्हें सेकंडहैंड मार्केट के लिए फिर से तैयार किया है। हमारे मलेशिया और सिंगापुर ऑपरेशन भी काफी अच्छा कर रहे हैं। भारतीय सेकेंड हैंड स्मार्टफोन बाजार अत्यधिक असंगठित है। लगभग 70 मिलियन री-फर्बिश्ड स्मार्टफोन्स का बाजार साल-दर-साल 35 फीसदी बढऩे की उम्मीद है।’

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