Sorry ! रोहित...भारतीय टीम T20 मैच जीत गई, फिर भी 3 विभागों में सुधार की जरूरत है

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RGA न्यूज़ नई दिल्ली

Ind vs Ban भारतीय टीम ने भले ही बांग्लादेश के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की हो लेकिन अभी भी टीम इंडिया को बड़े स्तर पर सुधार करने की जरूरत है। ...

नई दिल्ली, :- India vs Bangladesh: भारतीय टीम ने मिशन 2020 की शुरुआत कर दी है। कप्तान, कोच, चयनकर्ता और भारतीय क्रिकेट बोर्ड की निगाहें इस समय अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20 विश्व कप पर हैं। इसी के तहत भारतीय टीम में बदलावों का दौर जारी है। वर्ल्ड कप 2019 के बाद भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ में भी बदलाव किए गए। वहीं, खिलाड़ियों को अंदर-बाहर करने का दौर भी जारी है। ये सब प्लान के तहत हो रहा है, लेकिन अभी भी भारतीय टीम कई मायनों में पिछड़ी हुई है।

बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में भारतीय टीम की फील्डिंग का स्तर औसत से भी कम था। इतना ही नहीं, विकेटकीपिंग के छोर पर भी कई गलतियां हुईं। माना जा रहा था कि राजकोट में होने वाले दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में ऐसा कुछ देखनो को नहीं मिलेगा। इसकी तरफदारी खुद कप्तान रोहित शर्मा और गेंदबाज युजवेंद्र चहल ने की थी, लेकिन राजकोट में भी इन गलतियों को दोहराया गया। बावूजद इसके बड़ी जीत टीम इंडिया को हासिल हुई, लेकिन अभी टीम इंडिया को बड़े स्तर पर सुधार करने की जरूरत है।

विकेटकीपिंग स्तर पर बड़ा सवाल

भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद, कोच रवि शास्त्री और नियमित कप्तान विराट कोहली शॉर्ट फॉर्मेट में महेंद्र सिंह धौनी की स्थान पर युवा रिषभ पंत को मौका दिए जा रहे हैं। टी20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए उनको लगातार मौका दिया जा रहा है, लेकिन रिषभ पंत इन सुनहरे मौकों को भुनाने की बजाय और गलतियों में सुधार करने की जगह गलतियों पर गलतियां करते जा रहे हैं। ऐसे में भारतीय टीम को भी इसका हर्जाना भुगतना पड़ता है। दोनों टी20 मैचों में ऐसा देखा भी गया है

दरअसल, दिल्ली में खेले गए पहले टी20 मैच में बतौर विकेटकीपर रिषभ पंत दो बार डीआरएस(डिसिजन रिव्यू सिस्टम) कॉल लेने में चूके थे। वहीं, जब डीआरएस की मांग की तो देखा गया कि गेंद और बल्ले का संपर्क ही नहीं हुआ। ऐसे में भारतीय टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। हालांकि, इसमें गेंदबाज की भी भूमिका होती है, लेकिन गेंदबाज की अपील के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं देना एक चिंता का विषय है।

वहीं, दूसरे मैच में रिषभ पंत ने स्टिंपिंग का एक ऐसा मौका गंवा दिया जो कोई भी अनुभवहीन विकेटकीपर स्टंप कर देता। स्टेप आउट कर चुके बल्लेबाज को रिषभ पंत ने जल्दबाजी के चक्कर में स्टंप आउट करने के लिए गेंद को स्टंप्स से पहले ही पकड़ लिया और स्टंप्स बिखेर दिए, लेकिन थर्ड अंपायर ने बल्लेबाज को नियमों के तहत नॉट आउट दे दिया। दूसरी बार भी ऐसा लगभग कर चुके थे, लेकिन उस बार मामला करीबी था। इसलिए विकेट मिल गया।

फील्डिंग स्तर बहुत की खराब

दिल्ली के बाद राजकोट में भी देखा गया कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने अच्छी फील्डिंग नहीं की। खुद कप्तान रोहित शर्मा से भी कैच छूटा। इसके अलावा कई बार बेवजह के रन गए जो टीम इंडिया की मुश्किल बढ़ा सकते थे। इससे पहले दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए तीन मैचों की सीरीज के पहले टी20 मैच में भारत को फील्डिंग की वजह से हार झेलनी पड़ी थी, क्योंकि क्रुणाल पांड्या से मुश्फिकुर रहीम का कैच छूट गया था।

डेथ ओवर्स में गेंदबाजी पर चिंता

पावरप्ले में रन बनना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि गेंद और विकेट काफी अच्छा होता है इसलिए रन पड़ते हैं, लेकिन डेथ ओवर्स में रन देना टीम के लिए नुकसानदायक साबित होता। पारी के आखिरी दो-तीन ओवर आधे से ज्यादा मौकों पर मैच का निर्णय तय करते हैं। दोनों मैचों में तेज गेंदबाजों ने आखिरी को ओवरों में रन लुटाए, जिसके सबसे बड़े गुनहगार खलील अहमद हैं, जिन्होंने पहले टी20 मैच में 19वें ओवर में 18 रन देकर मैच एकतरफा किया था।

 

बैटिंग लाइनअप में कोई खोट नहीं है। बैटिंग लाइनअप विराट कोहली के आने से और मजबूत हो जाएगा। हालांकि, शिखर धवन और रिषभ पंत की बैटिंग अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में भारतीय टीम से माफी है कि भले ही आपने बड़ें अंतर से मैच जीतकर सीरीज बराबर की हो, लेकिन एक चैंपियन टीम की तरह आपको अगले साल टी20 वर्ल्ड कप खेलना है तो इन स्तरों पर सुधार करने की जरूरत है।

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