तीन तलाक पर कसने लगा शिकंजा, मंडल में 160 मुकदमे दर्ज

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RGA न्यूज़ मुरादाबाद

कानून बनने के बाद महिलाएं जागरुक हुई है। मंडल में तलाक के 160 मुकदमे लिखे गए हैैं

मुरादाबाद:- महिलाओं को जिंदगी भर के लिए दर्द देने वाले तीन तलाक पर अब कानून का शिकंजा कसने लगा है। मुरादाबाद मंडल के पांचों जिलों में अब तक 160 मुकदमे लिखे गए हैैं। तीन तलाक के मामले में बिजनौर सबसे आगे है। मंडल के पांच जिलों में मुरादाबाद में तीन तलाक के सबसे कम मुकदमे लिखे गए हैैं।

कुंदरकी के काजीपुरा गांव के एक टेलर ने साली के चक्कर में पत्नी को तीन बार तलाक कहकर रिश्ता तोड़ लिया था लेकिन, इसी बीच तीन तलाक पर मोदी सरकार ने कानून बना दिया। कानून के खौफ से फिर से निकाह कर लिया। अब दोनों साथ हैं। ऐसा एक मामला नहीं है, तमाम मामले सामने आ रहे हैं। कानून बनने से अब तीन तलाक की बात करने वालों में खौफ है। ऐसे लोगों को कार्रïïवाई का डर भी सताने लगा है। यही वजह है कि मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों में अब तीन तलाक के मामलों मे कमी आई है।

मुस्लिम महिलाओं का हथियार बना कानून

-तीन तलाक कानून अस्तित्व में आने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी मामले आए। उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जा रहा है। नारी उत्थान केंद्र की प्रभारी संध्या रावत ने बताया कि दस फीसद शिकायतों में तो कानून के खौफ से समझौता हो जाता है। जिनमें समझौता नहीं होता है, उनमें ही हम तीन तलाक में मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश करते हैं।

केस-1

-मुरादाबाद में कटघर के करूला निवासी एक महिला को उसके पति चांद ने जिला अस्पताल के बाहर सड़क पर ही तीन बार तलाक दे दिया। इसे लेकर महिला के भाई और पति में मारपीट हो गई। बाद में पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा लिखकर कार्रïïïवाई की।

केस-दो

बिजनौर के हीमपुर दीपा गांव की एक महिला को 14 अगस्त को दहेज की मांग पूरी न होने पर पति ने तलाक दे दिया। उसने देवर और रिश्ते के ससुर पर दुष्कर्म करने का भी आरोप लगाया। इसका विरोध करने पर उसके साथ मारपीट कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करके कार्रïïवाई की है।

जनपद तीन तलाक के मुकदमे

बिजनौर 60

रामपुर 37

अमरोहा 28

सम्भल 23

मुरादाबाद 12

नोट: यह आंकड़े कानून बनने के बाद अब तक के हैं।

महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाना सरकार की प्राथमिकता है। मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाना हमारी जिम्मेदारी है। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद से ऐसे मामले कम आ रहे हैैं, जो भी शिकायतें आ रही हैैं। उन पर ठोस कार्रवाई हो रही है। सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को तलाक के मामलों में प्रभावी कार्रïïवाई करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैैं।

 

रमित शर्मा, आइजी, मुरादाबाद रेंज 

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