30 अवैध भट्टियां बंद कराएगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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RGA न्यूज़ मुरादाबाद

पीतल भट्टी पर काम करता मजदूर।...

मुरादाबाद -: प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासनिक अफसर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुरादाबाद की तीस और भट्ठियों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया। जनपद में अभी तक पीतल गलाने वाली 66 भट्ठियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। शहर की आबो-हवा प्रदूषित करने में ई-वेस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पीतल भट्ठियों में ई-कचरा भी गलाने का काम किया जाता है। छह माह से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अवैध रूप से संचालित होने वाली भट्ठियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।बोर्ड के अधिकारियों ने बताया लखनऊ स्थित यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को पीतल भट्ठियों के संबंध में रिपोर्ट भेजी गई थी। मंगलवार को बोर्ड ने 30 और भट्ठियों को बंद कराने का आदेश जारी कर दिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से एक सप्ताह में इन भट्ठियों को बंद किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने सौ से अधिक अवैध भट्ठियों को बंद कराने का निर्णय लिया है।अवैध तरीके से भट्टी में प्लास्टिक जलाने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रामपुर के अजीतपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित ज्वाला कचरी उद्योग के खिलाफ कार्रवाई की है। फैक्ट्री संचालक को नोटिस जारी करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई तय की है। हालांकि जुर्माने की राशि का निर्धारण यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

पीएनजी गैस संचालित भट्ठियों पर नहीं होगी कार्रवाई

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कहा पीएनजी गैस से जिन भट्ठियों का संचालन किया जा रहा है, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इन भट्ठियों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।

अवैध रूप से पीतल व कचरा गलाने वाली भट्ठियों के खिलाफ मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई थी। तीस और अवैध भट्ठियों पर कार्रवाई के आदेश मिले हैं। इसके साथ ही रामपुर में ज्वाला कचरी उद्योग को प्लास्टिक जलाने के मामले में नोटिस जारी कर जुर्माने की कार्रवाई की गई है।

- अजय शर्मा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी। 

खतरे के मुहाने पर एक बार फिर शहर की हवा

प्रदूषित हवा की मार झेल रहे शहरवासियों को फिलहाल निजात मिलते नहीं दिख रही। खतरे के मुहाने पर एक बार फिर शहर की आबोहवा है। रेड जोन के निशान से शहर की हवा महज आठ प्वाइंट ही दूर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को शहर का हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 292 दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, 201 से 300 के बीच एक्यूआइ होने पर हवा सांस लेने के लिए खराब मानी ताजी है। ऐसे में प्रशासन के जिम्मेदारों के उदासीनता के चलते शहरवासी लगातार खराब हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर अब रेड जोन में आने के बाद शहरवासी बहुत खराब हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे। हिसार की हवा देश में सबसे प्रदूषित दर्ज की गई, हवा का गुणवत्ता सूचकांक 461 दर्ज किया गया।

प्रदूषण के कारक तत्वों पर नहीं लग रही लगाम

ई-कचरे, खुले में कूड़े-करकट का जलना, जाम प्रदूषण के प्रमुख कारक है। प्रशासन लगातार इन कारकों पर लगाम के दावे कर रहा है लेकिन प्रदूषण के ये कारक रोज सामने नजर आ जाते हैं। ऐसे में शहरवासियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

देश के टॉप पांच प्रदूषित शहरों पर नजर

शहर - एक्यूआइ

हिसार - 461,

गाजियाबाद - 458,

जींद - 451,

पानीपत - 449,

नोएडा - 448,

नोट : आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शाम सात बजकर 37 मिनट के बुलेटिन के मुताबिक।

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