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RGA न्यूज़ नई दिल्ली
MS Dhoni के बारे में शास्त्री ने पहली बार बताया कि उन्हें क्यों विश्व कप सेमीफाइनल में निचले क्रम पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। ...
नई दिल्ली:- भारतीय क्रिकेट फैंस के जहन में आज भी एक सवाल उठ रहा है कि आखिर वनडे वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में MS Dhoni को बल्लेबाजी के लिए निचले क्रम पर क्यों भेजा गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में एक वक्त ऐसा आया जब टीम इंडिया ने पांच रन के अंदर तीन विकेट गंवा दिए। उस वक्त टीम को धौनी जैसे बल्लेबाज की जरूरत थी जो टीम के गिरते विकेट को रोक सके, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने ये फैसला किया कि उन्हें नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जाए।
धौनी को इस मैच में निचले क्रम पर बल्लेबाजी के लिए क्यों भेजा गया इसके बारे में टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने इंडिया टूडे से बातचीत करते हुए बताया। शास्त्री ने कहा कि अगर जल्दी गिरते विकेट की वजह से उन्हें उपर भेजा जाता तो खेल और जल्दी खत्म हो जाता। वो नीचे बल्लेबाजी के लिए गए और 48वें ओवर तक क्रीज पर मौजूद रहे। हम मैच भी जीत जाते अगर वो रन आउट नहीं होते। आखिर धौनी का ताकत क्या है। मैं हर उस व्यक्ति के साथ बहस कर सकता हूं जो इस पर बहस करना चाहता है। धौनी की ताकत क्या है और वो किस वजह से जाने जाते हैं। वो दुनिया के बेस्ट फीनिशर के तौर पर जाने जाते हैं। तो उन्हें कहां बल्लेबाजी करनी चाहिए, जहां मैच को फीनिश करने की जरूरत है या फिर उपरी क्रम पर।
सेमीफाइनल मैच में धौनी ने सातवें विकेट के लिए जडेजा के साथ मिलकर 116 रन की साझेदारी की। जडेजा जब 77 रन बनाकर आउट हुए तब भारत को जीत के लिए 12 गेंदों पर 30 रन की जरूरत थी। ऐसे में अगर धौनी मार्टिन गप्टिल के डायरेक्ट हिट से आउट नहीं होते तो शायद इस मैच में भारत की जीत भी हो सकती थी। शास्त्री ने कहा कि जडेजा ने मैच में वापसी करा दी थी। इसके बाद एमएस को मैच खत्म करना था। वो तब आउट हुए जब दस गेंदें शेष थी। दस गेंदें बची थी और 20 रन की जरूरत थी। धौनी और 20 रन। आप दुनिया के सबसे बेहतरीन फीनिशर के बारे में बात कर रहे हैं। दस गेंदों पर 20 रन क्या है। अगर दो छक्के लग जाते तो स्कोर 8 गेंदों पर 8 रन होता। हालांकि इस सत्य को पचा पाना मुश्किल है, लेकिन ऐसा हुआ और हम टारगेट तक नहीं पहुंच पाए।
शास्त्री ने ये भी बताया कि इस मैच के बाद टीम की हालत कैसी थी। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे नहीं लगता कि इसके बाद किसी ने इस पर किसी से बात की या फिर बाद में भी। ये काफी डरावना था, लेकिन जब आप क्रिकेट खेलते हैं तो आपको इस तरह कि स्थिति से गुजरना पड़ता है और सीख लेते हुए आगे बढ़ने की जरूरत होती है। इस टीम के साथ भी ऐसा ही हुआ अब ये टीम भी आगे बढ़ चुकी है और इसी वजह से मैं इस टीम की इज्जत करता हूं।