नाराज आइओए को मनाने में जुटा सीजीएफ, भारत को दे सकता है कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी

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भारत के कड़े विरोध को देखते हुए उसकी मेजबानी में कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप 2022 के आयोजन की उम्मीद बढ़ गई है।...

नई दिल्ली:-बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स (2022) से निशानेबाजी को बाहर किए जाने के बाद भारत के कड़े विरोध को देखते हुए उसकी मेजबानी में कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप 2022 के आयोजन की उम्मीद बढ़ गई है।

कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) से इसके लिए औपचारिक प्रस्ताव देने को कहा है। इस प्रस्ताव को जनवरी की शुरुआत में सीजीएफ की खेल समिति के सामने पेश करने के लिए कहा गया है जिसे मंजूरी के लिए इसकी कार्यकारी समिति के पास भेजा जाएगा। यह सकारात्मक प्रतिक्रिया पांच दिसंबर को म्यूनिख में सीजीएफ और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आइएसएसएफ) के बीच हुई बैठक के बाद आई है।

आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को लिखे पत्र में सीजीएफ ने कहा कि वह भारतीय राष्ट्रीय राइफल महासंघ (एनआरएआइ) के अध्यक्ष रनिंदर सिंह और ब्लादिमीर लिसिन की अगुआई वाले आइएसएसएफ के प्रस्ताव उत्साहित है जिसमें 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले इस आयोजन की मेजबानी का प्रस्ताव है। सीजीएफ नेअपने पत्र में लिखा, 'एनआरएआइ भारत सरकार और आपके साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करेगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए जनवरी की शुरुआत में सीजीएफ खेल समिति और फिर सीजीएफ कार्यकारी समिति के समक्ष पेश करना होगा।

इस प्रस्ताव को सीजीएफ के आधिकारिक सदस्य के तौर पर औपचारिक रूप से भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ के द्वारा पेश किया जाना चाहिए। हम उस प्रस्ताव को विकसित करने में आपका समर्थन करेंगे।' एनआरएआइ के प्रमुख रनिंदर ने भी बत्रा को पत्र लिखा कर चैंपियनशिप की मेजबानी के प्रस्ताव का खाका पेश करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें आइएसएसएफ का पूरा समर्थन प्राप्त है। उनके प्रस्ताव में इस चैंपियनशिप में जीते गए पदकों को संबंधित देशों के 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स की तालिका में जोड़ने के जटिल मु्द्दे की भी चर्चा है। उन्होंने कहा, 'इस प्रस्तावित चैंपियनशिप में जीते गए पदकों को बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स के मुख्य आयोजन में जीते गए पदकों के समान ही महत्व मिलाना चाहिए।'

उन्होंने ने इस चैंपियनशिप को 14 मार्च 2022 को शुरू करने का प्रस्ताव दिया। आइओए ने निशानेबाजी को कॉमनवेल्थ गेम्स से हटाए जाने के विरोध में इन खेलों से हटने की धमकी दी थी। उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि निशानेबाजी चैंपियनशिप का आयोजन करवाकर इसके पदकों को संबंधित देश के खाते में जोड़ा जाए। बत्रा ने कहा था कि अगर पदकों को देश के खाते में नहीं जोड़ा जाएगा तो भारत कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैंपियनशिप में भाग नहीं लेगा।

रनिंदर ने बत्रा से अपील की कि वह चैंपियनशिप के आयोजन के लिए भारत सरकार से मंजूरी लेने में उनकी मदद करें। उन्होंने कहा, 'मेरा आपसे अनुरोध है कि एनआरएआइ को इस आयोजन के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का अवसर प्रदान करें। हमारे अध्यक्ष के तौर पर क्या मैं आपसे इसके लिए एनआरएआइ को समर्थन करने के अलावा भारत सरकार से जल्द से जल्द अनुमति दिलाने में मदद करने का अनुरोध कर सकता हूं। जब यहां इसे मंजूरी मिल जाए तब आइओए / सीजीएफ से स्वीकृति के लिए सीईओ (सीजीएफ) के पास भेज सकता है।' कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का निशानेबाजी में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन रहा है और उसने कई पदक जीते हैं।

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