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Delhi Assembly Election 2020 भारतीय जनता पार्टी ने AAP के खिलाफ नया नारा दिया है - 5 साल दिल्ली बेहाल अब नहीं चाहिए केजरीवाल। इसे भाजपा की ओर से लॉन्च किया गया है।...
नई दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान की तारीखों का एलान होना शेष है, लेकिन भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में राजनीतिक हमले तेज हो गए हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने AAP के खिलाफ नया नारा दिया है - '5 साल दिल्ली बेहाल, अब नहीं चाहिए केजरीवाल'। इसे भाजपा की ओर से लॉन्च किया गया है। दरअसल, पिछले दिनों में आम आदमी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नारा दिया था- अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल' था, अब भाजपा ने AAP के खिलाफ यह नारा '5 साल दिल्ली बेहाल, अब नहीं चाहिए केजरीवाल' गढ़ा है।
उधर, भाजपा स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिये भी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को घेरने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) ने दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली जानकारी को आधार बनाकर आरोप लगाया गया है कि आप सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। केंद्रीय विद्यालयों व निगमों के स्कूलों को सरकारी स्कूलों से बेहतर बताया गया है।
पीपीआरसी के निर्देश व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि 12 सौ से ज्यादा आरटीआइ लगाकर शिक्षा से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से लगातार सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा के छात्रों के उत्तीर्ण फीसद में कमी आ रही है। 40 फीसद छात्र दसवीं कक्षा में नहीं पहुंच पाते हैं। शिक्षा विभाग व स्कूलों में आप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है, जिससे खर्च बढ़ गए। शिक्षकों के खाली पड़े पद नहीं भरे जा रहे हैं
प्रदेश भाजपा प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि अध्यापन की गुणवत्ता सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि आप सरकार विकास नहीं दुष्प्रचार पर विश्वास करती है। शिक्षा में सुधार के दावों की पोल खोलने के लिए भाजपा नेता स्कूलों का दौरा करेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी मौके पर बुलाया जाएगा।
सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास 82 भूखंड उपलब्ध हैं, बावजूद इसके एक भी स्कूल-कॉलेज नहीं बनाया गया है। नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए छात्रों को दसवीं व 12 वीं में दाखिला नहीं दिया जा रहा है। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि खेल व खिलाड़ियों की अनदेखी की जा रही है। इस मौके पर संस्था के निदेशक डॉ. सुमीत भसीन, विरेंद्र सचदेवा
मुख्य बातें
- दसवीं का परीक्षा परिणाम पांच वर्षों में 95.81 फीसद से घटकर 71.58 फीसद हो गया है।
- नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में असफल रहने वाले 1,02,854 छात्रों को दाखिला नहीं मिला।
- सरकारी स्कूलों में पास होने वाले एक फीसद से भी कम छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला मिल पाता है।
- स्कूलों में 51 फीसद से अधिक स्थायी शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
- 71 फीसद स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती है।
- पांच सौ नए स्कूल और 20 कॉलेज बनाने का वादा पूरा नहीं हुआ।