केजरीवाल का धरना 3 घंटे में ही खत्म, LG से बिना मिले ही लौटे वापस

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RGANews

सीसीटीवी के मुद्दे पर सरकार और एलजी के बीच टकराव तेज हो गया है। सोमवार को अपनी कैबिनेट और आप विधायकों के साथ मार्च पर निकले केजरीवाल उपराज्यपाल आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। केजरीवाल सभी विधायकों के साथ उपराज्यपाल से मिलने की मांग पर अड़े रहे। हालांकि करीब 3 घंटे बाद केजरीवाल समेत तमाम मंत्रियों ने एलजी से मुलाकात किए बगैर ही धरना खत्म कर दिया। सीएम ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर सीसीटीवी की योजना को लटकाया जा रहा है। यह सब भाजपा के दबाव में हो रहा है। 

पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक सीएम आवास पर दोपहर से मंत्री और विधायक जुटने से शुरू हो गए। तीन बजे सीएम ने सभी के साथ एलजी आवास की तरफ मार्च किया। इससे पहले केजरीवाल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली में सीसीटीवी जरूरी है। सरकार सीसीटीवी लगाने के लिए सभी तैयारी पूरी कर चुकी है,लेकिन एलजी ने कमेटी गठित कर इसे रोक दिया है। उन्होंने कहा कि समिति में केंद्र के अधिकारी शामिल हैं। साथ ही एनडीएमसी और पुलिस द्वारा लगाए गए सीसीटीवी पर कोई समिति नहीं बनाई गई। साफ है कि भाजपा के दबाव में सीसीटीवी रोके जा रहे हैं। 

पैदल मार्च उपराज्यपाल आवास पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हे रोका। पुलिस अफसरों ने कहा कि सीएम और उनके मंत्री एलजी से मिल सकते हैँ। उधर सीएम ने कहा विधायक जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उन्हें एलजी से मिलने से नहीं रोका जा सकता है। इस पर पुलिस और सीएम के बीच कुछ देर बहस हुई। मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए। एलजी आवास पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। 

प्रदर्शनकारियों ने सुनाए भजन
धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी भजन सुनाते रहे। प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी के लोकप्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया और उपराज्यपाल को सदबुद्धि देने की कामना की। उपराज्यपाल आवास के बाहर ही वे भजन गाते रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उपराज्यपाल चुने हुए प्रतिनिधियों से नहीं मिल रहे हैं। 

31 मिनट तक पैदल चला मार्च
सीएम आवास से उपराज्यपाल आवास तक पहुंचने में सीएम, मंत्रियों और विधायकों को करीब 31 मिनट का समय लगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ठीक तीन बजे सीएम आवास से मार्च शुरू हो गया। ये लोग नारेबाजी करते रहे। भाजपा और उपराज्यपाल के खिलाफ नारे लगाए गए। करीब दो किलोमीटर की पैदल दूरी तय करके मार्च 3.31 बजे उपराज्यपाल आवास पर पहुंचा। रास्ते में जगह-जगह पुलिस बल लगाया हुआ था और पुलिस ने मार्च के हिसाब से यातायात को भी रोक दिया गया था। उपराज्यपाल आवास पर पहुंचने पर पुलिस ने बैरिकेट लगाकर यातायात को रोका। 

सीएम धूप में, विधायकों ने छांव तलाशी
पैदल मार्च के दौरान ही कई विधायक परेशान हो गए थे। उपराज्यपाल आवास के बाहर पुलिस ने मुख्यमत्री को रोका तो केजरीवाल वहीं धरने पर बैठक गए। दोपहर करीब पौने चार बजे सीएम धूप में ही सड़क पर बैठ गए। सीएम के बैठने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, कैलाश गहलौत, सतेंद्र जैन समेत विधायक और समर्थक भी वहीं बैठ गए। तेज गर्मी और धूप के बाद भी मुख्यमंत्री धरने पर बैठे रहे। उधर विधायकों ने छांव तलाशना शुरू कर दिया। धरनास्थल से कुछ पीछे ही वे पेड़ की छांव में सुस्ताते नजर आए। 

सोशल मीडिया पर छिड़ा संग्राम
मुख्यमंत्री के धरने के बाद सोशल मीडिया पर संग्राम छिड़ गया है। आप के समर्थकों ने बड़ी संख्या में सोशल मीडिया पर मार्च की फोटो और वीडियो डाले। खुद उपमुख्यमंत्री ने लिखा कि सीसीटीवी को भाजपा वाले लगाने से रोक रहे हैं। इससे उनके मोहल्ले में दंगा भड़काने की हरकत पकड़ में आ जाएगी। इसके बाद सीएम ने भी इसे ट्वीट किया। सरकार के अधिकांश मंत्री और विधायकों ने सोशल मीडिया पर एलजी के विधायकों से नहीं मिलने के मुद्दे को उठाया। 

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