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बड़हलगंज क्षेत्र में हाइवे पर फरसाड़ गांव के पास पिता-पुत्र को गोली मारने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। भाई मृत्युंजय त्रिपाठी की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही राजन तिवारी समेत दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
बड़हलगंज क्षेत्र के टाड़ा गांव निवासी रामसहाय तिवारी के 45 वर्षीय बेटे संतोष अपने 15 वर्षीय बेटे अभिनव का आधार कार्ड बनवा कर बाइक से घर लौट रहे थे। वह रविवार की दोपहर अभी हाइवे पर फरसाड़ गांव के पास पहुंचे थे कि पीछे से बाइक सवार तीन बदमाश पहुंचे और पिता-पुत्र पर गोली झोंक दी। गोली लगने दोनों सड़क पर गिर पड़े। उधर, बदमाश असलहा लहराते हुए फरार हो गए। घायलों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
जहां देर रात घायल संतोष को लखनऊ रेफर कर दिया गया। उनका लखनऊ के एक अस्पताल इलाज चल रहा है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती बेटे की हालत स्थिर बनी हुई है। सोमवार की सुबह संतोष के भाई मृत्युंजय त्रिपाठी ने पुलिस को तहरीर देकर गांव के स्वर्गीय राम अशीष तिवारी के बेटे राजन समेत दो अज्ञात के खिलाफ गोली मारने की तहरीर दी। इसपर पुलिस ने राजन तिवारी समेत दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
दो दशक पहले हुई हत्या से जोड़ कर घटना की जांच कर रही पुलिस
पिता-पुत्र पर हुए जानलेवा हमले को पुलिस गांव में दो दशक पूर्व हुई एक हत्या के मामले से जोड़ कर चल रही है। घायल संतोष तिवारी के भाई मृत्युंजन ने पुलिस को दिए तहरीर में बताया है कि गांव के ही रामअशीष तिवारी की वर्ष 1998 में हत्या हो गई थी। इस हत्या के बाद से दोनों परिवारों में रंजिश चल रहा था। पिता की हत्या के समय राजन महज तीन साल का था।
उसने पिता की हत्या में बदला लेने के लिए अपने साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार रामअशीष तिवारी की हत्या में बगल गांव के एक व्यक्ति का भी नाम प्रकाश में आया था। उस व्यक्ति पर भी छह माह पहले जानलेवा हमला हो चुका है।