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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में फैकल्टी ऑफ लॉ से कानून की पढ़ाई करने वाली दूसरे वर्ष की छात्रा को हाजिरी में छूट देने से इनकार कर दिया। दिल्ली विवि में कानून की पढ़ाई में परीक्षा देने के लिए 70 फीसदी उपस्थिति जरूरी है।
छात्रा अंकिता मीणा ने एलएलबी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देने लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन उसकी 70 फीसदी हाजिरी वाला मानक पूरा नहीं था। वह अपनी गर्भावस्था के कारण दो माह कक्षाओं में नहीं जा सकी थी। जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने आदेश में कहा कि छात्रा ने मातृत्व अवकाश तक के लिए आवेदन नहीं किया था। नियमों का उद्देश्य है कि एक अनुशासन लागू किया जाए। हम दोपहर 1 बजे छात्रा को आज 2 बजे होने वाली परीक्षा में बैठने के लिए नहीं कह सकते।
हालांकि कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में खंडपीठ के समक्ष अपील करे। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने याचिका को ठुकरा दिया था। पीठ ने इससे पूर्व के दो फैसलों वंदना कुमारी और सुकृति उपाध्याय तथा बीसीआई के लीगल एजुकेशन नियम-12 का हवाला देकर उपस्थिति में छूट देने से इनकार कर दिया था।