RGA न्यूज़ नोएडा
मदन लाल ने कहा 1983 की जीत के बाद भारत विश्व पटल पर उभर कर आया था हमें एक पहचान मिली थी और भारत में क्रिकेट को सराहना मिली। ...
नोएडा:- भारतीय क्रिकेट में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने 25 जून 1983 को ऐसा एक कारनामा कर दिखाया था जो आज तक किसी भी भारतीय के दिमाग से नहीं निकला है। भारतीय फैंस तो छोड़िए टीम के खिलाड़ी भी इसके बारे में नहीं सोच रहे थे। विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद ने भी कहा उनको टीम के सेमीफाइनल तक पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन जीत का नहीं सोचा था।
दिलचस्प बात यह है कि 2011 में दोबारा विश्व कप जीत लेने के बावजूद पहली जीत का जो नशा भारतीय टीम ने देशवासियों को चखाया था, वह आज 37 साल बाद भी ज्यादा आनंद देता है। इतने साल बीतने के बाद भी जब हम 83 की टीम के खिलाड़ियों से पूछते हैं तो वह यही कहते हैं उस दौर की बात ही कुछ और थी।
विश्व कप में अपनी गेंदबाजी से सभी को हैरान कर देने वाले पूर्व क्रिकेटर मदन लाल कहते हैं कि यह भारतीय क्रिकेट की सबसे ब़़डी जीत भर ही नहीं थी, यह क्रिकेट के रोमांच को ब़़ढाने वाली जीत भर भी नहीं थी, बल्कि यह वह जीत थी जिसने पूरे भारत को बदल दिया, हमेशा- हमेशा के लिए।
मदन लाल कहते हैं कि 1983 की जीत के बाद भारत विश्व पटल पर उभर कर आया था, हमें एक पहचान मिली थी और भारत में क्रिकेट को सराहना मिली। इसके बाद माता-पिता खुद बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। उन्हें अकादमी भेजने लगे। यह बदलाव इस जीत से ही आया।
फाइनल में वेस्टइंडीज के विवियन रिचर्ड्स को अपनी आउट कर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले मदन लाल कहते हैं कि जब हमने यह जीत हासिल की थी तभी हमें प्रशंसा मिली। इसलिए आज भी जो युवा क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं वह बिना बाकी चीजों पर ध्यान दिए सिर्फ अपनी खेल पर फोकस रखें, क्योंकि जब वह अच्छा खेलेंगे तभी अपनी पहचान बना पाएंगे और मंजिल पा सकेंगे।