RGA न्यूज़ मुरादाबाद संभल
Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में राम मंदिर पर सम्भल के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंंने प्रेसनोट जारी कर अपनी बात रखी है।...
सम्भल:- बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क एक बार अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। बर्क ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के भूमि पूजन को लेकर कहा वह जगह बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और हमेशा रहेगी। बीजेपी और आरएसएस ने अपनी ताकत के बल पर अदालत से अपने हक में फैसला कराकर मंदिर की संग-ए-बुनियाद रखकर जम्हूरियत और सेक्युलीरिज्म का कत्ल किया है। बर्क ने बुधवार को बयान जारी कर यह भी कहा कि बीजेपी हुकूमत ने मुल्क के लिए दी गई मुसलमानों की कुर्बानी को भुला दिया है।
वहीं इसी मसले पर गुरुवार को सांसद डॉक्टर बर्क ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था, उसमें सुबूत नहीं आस्था को आधार बनाया गया था। ऐसे में जिस जगह मस्जिद थी वहां मस्जिद रहेगी। मस्जिद की जगह को कोई मिटा नहीं सकता है। फैसला दिए जाने के बाद एक जज को राज्यसभा में भेजना शक की सुई को मजबूत करता है। जब 1949 में वहां मूर्ति रखी गई तो तत्कालीन प्रधानमंत्री ने तत्कालीन डीएम को मूर्ति हटाने का निर्देश दिया था लेकिन डीएम ने इस्तीफा दे दिया। बाद में वह भी जनसंघ से चुनाव लड़कर जीते थे। उन्होंने सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन किया। मैंने फैसला आने के बाद भी मुसलमानों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें धैर्य रखें और आज भी यही बात दोहराता हूं।
इससे पूर्व बुधवार को समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि हिंदुस्तान का मुसलमान ऐसे धर्म को मानता है जो इंसानों के बीच प्यार और मोहब्बत का पैगाम देता है। इंसाफ के तकाजे काे पूरा करता है। मुसलमान धर्म यह बताता है कि जहां एक मस्जिद बन जाती है वहां कयामत तक मस्जिद ही रहती है। मुसलमान अल्लाह के भरोसे हैं और उसी के भरोसे रह रहे हैं। मुसलमानों को किसी मोदी या याेगी की जरूरत नहीं है। मुसलमान फिक्रमंद न हो एकता बनाए रखें और धैर्य रखें। मायूस न हो। क्योंकि यह कुर्फ है। कानून का सम्मान करें।
जारी बयान में सांसद डॉ. बर्क ने कहा कि हमें अपने मुल्क की सलामती के लिए संविधान को बचाना है। भाजपा के राज में लोकतंत्र का खून हो रहा है। सेक्यूलर हिंदुस्तान की पहचान भी अंतर राष्ट्रीय स्तर पर खत्म हो रही है। संसद में मैंने कई बार कहा है कि फिरकापरस्ती की बुनियाद पर मुल्क एकजुट नहीं रह सकता है। कुछ वक्त के लिए कोई इक्तेदार में रह सकता है लेकिन जुल्म का भी अंत है। उन्होंने कहा कि जिस समय फैसला आया उस समय भी मुसलमानों ने सब्र का पैगाम दिया और अब भी दे रहे हैं। जो भी हुआ वह गलत हुआ लेकिन मुसलमानों को किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है।