US के टेररिज्म ऑफिसर का खुलासा, दुनियाभर में इस्लामिक स्टेट का विस्तार जारी

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RGA:- न्यूज़

अक्टूबर 2019 में आईएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी और संगठन के कई नेता मारे गए थे। तब ऐसा लगा था कि अब संगठन खत्म हो जाएगा मगर इससे जुड़े लोग अभी भी इसका विस्तार कर रहे हैं। ...

नई दिल्ली:-दुनिया से आतंकवाद फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है। भारत समेत अनेक देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए रणनीति बनाकर काम करते रहते हैं मगर उसके बावजूद अब तक इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत ही आतंकवाद से परेशान है।

अमेरिका ने भी झेला है आतंकी हमला 

दुनिया के कई और भी देश आतंक का घिनौना चेहरा देख चुके हैं। सुपर पॉवर अमेरिका को भी 9/11 को आतंकवाद का काला दिन देखना पड़ा था। एक साथ 3000 से अधिक लोगों की मौत ने अमेरिकियों को हिलाकर रख दिया था। उसके बाद से ही अमेरिका ने पूरी तरह से आतंकियों को पनाह देने और उन्हें पैदा करने वाले देशों के खिलाफ खुलकर एक्शन लिया था।

अमेरिका ने 11 साल के बाद सबसे बड़े आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। ओसामा बिन लादेन ने ही अमेरिका में सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था। आतंकी अपने खिलाफ उठ खड़े हुए प्रमुख देशों के एक्शन को देखकर कुछ दिनों तक तो घबराए, मगर अब वो फिर से अपने को संगठित करने में लग गए हैं।

अमेरिकी अधिकारी अभी भी ऐसे आतंकी संगठनों और उनके हो रहे विस्तार पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अमेरिका के काउंटर टेररिज्म सेंटर (US counter-terrorism officer) के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर के मुताबिक बीते छह सालों में चरमपंथी समूह ने यह साबित कर दिया है कि गंभीर नुकसान के बावजूद उसमें उठ खड़े होने की क्षमता है।

मिलर के मुताबिक आईएस के पास अनुभवी कमांडर और समर्पित कैडर है, उनका व्यापक गुप्त नेटवर्क है। उनके मुताबिक आतंकवाद रोधी दबाव में कमी के कारण ऐसा हुआ है। दो दिन पहले क्रिस्टोफर मिलर ने यूएस हाउस होमलैंड सिक्युरिटी की समिति को बताया कि चरमपंथी समूह नए प्रमुख मुहम्मद सईद अब्दल रहमान के नेतृत्व में आतंकी हमले के लिए आतंकियों को प्रोत्साहित करने में लगा हुआ है। साथ ही मुहम्मद सईद क्षेत्र में दूर के सहयोगी संगठनों को नए हमलों के लिए भी भड़का रहा है।

आइएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी के साथ मारे गए थे कई नेता

अक्टूबर 2019 में आईएस प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी और संगठन के कई नेता मारे गए थे। 48 साल का बगदादी साल 2014 से इस्लामिक स्टेट का नेतृत्व कर रहा था और वह दुनिया का सबसे वांटेड आतंकी था। उसने अपने नेतृत्व में एक "खिलाफत" (Khilafat) की घोषणा की थी जिसने एक समय में इराक और सीरिया के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया था। लेकिन अमेरिका के नेतृत्व में कई साल तक चली लड़ाई में पिछले साल आखिरकार वह मारा गया था।

बेरहम नरसंहार, 10 हजार को एक साथ मारा

2014 में आईएस ने सीरिया में कम से कम 10,000 यजीदियों (Yazidis)को मार दिया था। मरने वाले सभी पुरुष थे। आईएस के आतंकवादियों ने 12 साल से अधिक उम्र के सभी लड़कों को भी मार डाला। 7,000 से ज्यादा महिलाओं और बच्चों का अपहरण कर उन पर अत्याचार किया गया। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आईएस के शिविरों से छुड़ाए गए बच्चों पर एक रिपोर्ट भी छापी है।

सीरिया और इराक में अभी भी दहशत बरकरार

बीते गुरुवार को आईएस ने नाइजर में 6 फ्रांसीसी कर्मचारियों और उनके दो स्थानीय गाइडों की हुई हत्या की जिम्मेदारी ली थी। मिलर के मुताबिक आईएस सीरिया और इराक में हत्या, मोर्टार हमले और आईईडी के धमाके अभी भी उसी तरह से कर रहा है जैसे कुछ साल पहले तक करता रहता था। इसमें वह हमला भी शामिल है जिसमें मई महीने में कई इराकी सैनिक मारे गए थे। मिलर का कहना है कि आतंकवादी समूह ने प्रचार के लिए हमलों में अपनी सफलताओं के वीडियो जारी किए ताकि साबित हो सके कि सीरिया और इराक में पिछले साल की भारी हार के बावजूद जिहादी अब भी सक्रिय और संगठित हैं।

कमजोर नहीं हुआ आईएस

काउंटर टेररिज्म सेंटर के निदेशक का कहना है कि आतंकी समूह अब पूर्वोत्तर सीरिया (Northeast syria) में इस्लामिक स्टेट के हजारों सदस्यों और उनके परिवारों को आजाद कराने पर ध्यान केंद्रित किए हुए है क्योंकि उनसे निपटने के लिए किसी समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया (Integrated international process)की गैर मौजूदगी में आईएस इसको हल करना चाहता है

सीरिया और इराक के बाहर 20 से अधिक शाखाएं

मिलर के मुताबिक सीरिया और इराक के बाहर आईएस के करीब 20 शाखाएं और नेटवर्क हैं। उनकी गतिविधियों के नतीजे मिले जुले हैं लेकिन हमले के सबूत के रूप में वह अफ्रीका में सबसे मजबूत है। मिलर का कहना है कि आईएस पश्चिमी ठिकानों पर हमला करने का लक्ष्य रखता है लेकिन आतंकवाद विरोधी प्रभावी उपायों के कारण वह सफल नहीं हो पाया है। उनके मुताबिक 9/11 के आतंकी हमले को अंजाम देने वाला अल कायदा अपने नेताओं और प्रमुख कमांडरों के मारे जाने के बाद कमजोर हो गया था लेकिन आईएस अब भी संभावित खतरा है।  

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