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नई दिल्ली:- भारत समेत दुनिया के तमाम देश कोरोना की वैक्सीन के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कहा है कि अगले साल जुलाई तक देश में कोरोना वैक्सीन 20 से 25 करोड़ लोगों को लगा दी जाएगी। इसमें स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को प्राथमिकतादी जाएगी, जिनमें सरकारी और निजी अस्पतालों के कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिक्स, सैनिटरी स्टाफ, आशा, निगरानी अधिकारी और कोरोना मरीजों की टेस्टिंग व ट्रेसिंग से जुड़े लोग शामिल हैं।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि 2021 की शुरुआत में देश में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में बन रही वैक्सीन में कौन किस से बेहतर है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। हालांकि उन्होंने सुनिश्चित किया कि देश में यदि एक से ज्यादा प्रकार की वैक्सीन भी प्रयोग में लाई गई, तो उनमें से हर वैक्सीन सुरक्षित एवं प्रभावी होगी।
वैक्सीन के लिए ये देश भी हैं तैयार
अमेरिका
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नवंबर से कोरोना वैक्सीन के वितरण की घोषणा कर चुके हैं। तीन नवंबर को वहां राष्ट्रपति चुनाव है। हेल्थ व ह्यूमन सर्विसेज (एचएचएस) विभाग पिछले महीने वैक्सीन के वितरण का कार्यक्रम जारी कर चुका है।
रूस
सितंबर की शुरुआत में सरकार ने स्पूतनिक-5 वैक्सीन की पहली खेप आम लोगों के लिए जारी कर दी थी। इसके पंजीकरण की मंजूरी 11 अगस्त को मिली थी।
ऑस्ट्रेलिया
सब ठीक रहा तो जनवरी 2021 तक आम लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की 8.5 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी। हालांकि, यह तभी संभव है जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी व एस्ट्राजेनेका तथा स्थानीय यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड व सीएसएल की वैक्सीन अपेक्षित सफलता हासिल कर लेती हैं।
ची
चीन
सिनोवेक बायोटेक व सिनोफॉर्म की वैक्सीन को हाल ही में पेश किया गया है। हालांकि, अभी इसके तीसरे दौर का परीक्षण जारी है। यह वैक्सीन इस वर्ष के अंत तक बाजार में आ सकती है।