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RGA:-news
नई दिल्ली:-केंद्र सरकार कोरोना के खतरे के प्रति लोगों को नए सिरे से जागरूक करने और इससे बचने के लिए जारी गाइडलाइंस के पालन के लिए प्रेरित करने को गुरुवार से अभियान शुरू करने जा रही है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि इस अभियान में स्थानीय स्तर पर पोस्टर, होìडग के साथ ही सोशल, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने से लेकर कोरोना होने की स्थिति में तत्काल टेस्ट कराने और आइसोलेट करने की सलाह दी जाएगी। दरअसल देश के लगभग पूरी खुल जाने और साथ ही त्योहारी सीजन में कोरोना के तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार त्योहारों के दौरान लोगों के आपस में मेल-मुलाकात से कोरोना के मामले बढ़ने के साफ संकेत मिले हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के बाद कोरोना के मामले नई ऊंचाई पर पहुंच गए थे। हालांकि उसमें अब कमी आनी शुरू हुई है। उसी तरह केरल में ओणम के बाद कोरोना के मामले बढ़ गए थे। चार सितंबर को केरल में सक्रिय मामलों की संख्या महज 22,133 थी, लेकिन ओणम के बाद यह संख्या बढ़ गई। हालात यह है कि छह अक्टूबर को सक्रिय मामले 84,958 हो गए।
केरल और महाराष्ट्र के उदाहरण से साफ है कि त्योहारों के दौरान लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने की खास जरूरत है, नहीं तो संक्रमण का खतरा रहेगा। भारत में अगले तीन महीने पूरे देश में कई त्योहार होने वाले हैं। 17 अक्टूबर से नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है। उसके बाद दशहरा और अगले महीने दीपावली और छठ है। इसी तरह दिसंबर में क्रिसमस और फिर नए साल के आगाज का जश्न
जाहिर है त्योहारों के दौरान लोगों का न सिर्फ एक-दूसरे से मेल-जोल बढ़ जाएगा, बल्कि विभिन्न धाíमक आयोजनों में बड़ी संख्या में लोग एकत्र भी होंगे। ऐसे में त्योहार मनाने और धाíमक आयोजनों मे शामिल होने के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन ही कोरोना से एकमात्र बचाव होगा। कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान के पीछे एक वजह सर्दियों का मौसम भी है। पूरे देश में तापमान तेजी से गिर रहा है। 15 अक्टूबर से ही हल्की सर्दी होने का अनुमान है
नीति आयोग के सदस्य और कोरोना पर उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष डाक्टर वीके पॉल के अनुसार सांस से संबंधित वायरस का प्रकोप सर्दी में बढ़ जाता है, यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। चूंकि कोरोना भी स्वसन तंत्र पर हमला करने वाला वायरस है, इसीलिए सर्दी में इसके ज्यादा घातक होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। डाक्टर पॉल के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना के कुछ मरीजों में इसके लक्षण भी मिलने लगे हैं और आइसीएमआर इस पर नजर रखे हुए है।