मध्य प्रदेश में 60 लाख 'फर्जी' वोटर्स, EC ने दिए जांच के आदेश- कांग्रेस

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RGANews

 कांग्रेस ने मामले में आरोपी दोषी अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।

 

दिल्ली- कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 60 लाख से अधिक फर्जी मतदाता होने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से रविवार को शिकायत की। जिसके फौरन बाद निर्वाचन आयोग ने जांच के लिए दो टीमें गठित करते हुए मतदाता सूचियों की जांच के आदेश दिए। निर्वाचन आयोग की टीमें खामियों को देखने के लिए नरेला, भोजपुर , सिवनी, मालवा और होशंगाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगी। आयोग ने कहा कि सोमवार को राज्य पहुंचने के बाद टीमें बहु और फर्जी प्रविष्टियों के लिए जिम्मेदारी भी तय करेंगी। 

कांग्रेस ने मामले में आरोपी दोषी अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने एक जनवरी 2018 को यह सूची प्रकाशित की थी। एक व्यक्ति का नाम एक बूथ पर कई बार, अलग-अलग बूथ और अलग-अलग क्षेत्रों में शामिल हैं। पार्टी का आरोप है यह गलती से नहीं बल्कि जानबूझकर किया गया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस ज्ञापन के साथ फर्जी मतदाताओं की सूची है। बाद में पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेस करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मामला गंभीर है, इसलिए हमने रविवार को ही चुनाव आयोग से वक्त लिया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में करीब 60 लाख फर्जी मतदाता बनाए गए हैं। मध्य प्रदेश की आबादी में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन मतदाता 40 फीसदी बढ़े हैं। 

वरिष्ठ नेता और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुंगावली और कोलारस उपचुनाव में फर्जी मतदाताओं का मामला सामने आया। इसके बाद पार्टी ने 91 क्षेत्रों की जांच की तो 55 ऐसे मतदाता पाए गए, जिनके नाम कई बार थे। इसका मतलब हुआ कि सिर्फ 40 फीसदी सीट में 27 लाख फर्जी मतदाता है। ऐसे में सभी सीट पर फर्जी मतदाताओं की तादाद 60 लाख से अधिक बैठती है। उन्होंने कहा कि इस वक्त मध्य प्रदेश में पांच करोड़ मतदाता है, यानि उनमें से 12 फीसदी वोटर फर्जी हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच 9 प्रतिशत यानि 35 लाख वोट का अंतर था। इससे साफ है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कोई गलती नहीं बल्कि जानबूझकर की गई। इसलिए, हमने चुनाव आयोग से सभी मतदाता सूची की दोबारा जांच कराने की मांग की है।

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