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RGA न्यूज़
स्कूली शिक्षा को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार हर साल राज्यों को वित्तीय मदद देती है।
नई दिल्ली। कोरोना काल में घरों में रहकर ही पढ़ने को मजबूर स्कूली छात्रों को केंद्र सरकार आने वाले आम बजट में कुछ बड़ा तोहफा दे सकती है। फिलहाल जो जानकारी निकलकर आ रही है, उनमें उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन, टैब, लैपटाप या टेलीविजन जैसी चीजें दी सकती है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है, कि इनमें से क्या दिया जाना है, लेकिन कोरोना काल में जिस तरह से ऑनलाइन पढ़ाई अनिवार्य बन गई है, उनमें इसके सिवाय बच्चों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। वैसे भी सरकार का इन दिनों आनलाइन पढ़ाई को लेकर सबसे ज्यादा फोकस है। इसे लेकर कक्षा एक से बारहवीं तक के लिए 12 नए टीवी चैनल लांच करने की भी वह घोषणा कर चुकी है जिसकी तैयारी तेजी से चल रही है।
सूत्रों की मानें तो स्कूलों बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन, टैब, लैपटॉप या फिर टेलीविजन जैसे विकल्पों पर सरकार इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि हाल में आई कई अलग रिपोर्टो में यह साफ हो गया था, कि कोरोना काल में भले ही स्कूलों बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाने के दावे किए गए, लेकिन इसके बाद भी 38 फीसद से ज्यादा बच्चे ऐसे थे, जो इससे वंचित ही थे। वजह इनके पास स्मार्ट फोन तक भी नहीं था। 'असर' 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें सबसे ज्यादा करीब 44 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले थे, जबकि निजी स्कूलों में भी पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी करीब 26 फीसद थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सामने यह मुद्दा कई राज्यों ने भी उठाया है। खास कर जब वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर राज्यों के साथ सीधी चर्चा करने में जुटी है। राज्यों का कहना है कि वे अपने यहां ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था बनाना चाहते हैं, लेकिन सभी बच्चों के पास इससे जुड़ने के लिए साधन नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल के दौरान और बाद में बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में अभिभावकों ने स्मार्ट फोन खरीदे भी।
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में नामांकित छात्रों में से सिर्फ 36 फीसद बच्चों और उनके परिवारों के पास स्मार्टफोन था जो बढ़कर अब करीब 61 फीसद पहुंच गया है। फिलहाल मंत्रालय सभी बच्चों को आनलाइन पढ़ाई से जोड़ने को लेकर गंभीर है। यही वजह है कि इससे वंचित छात्रों को इससे जोड़ने के लिए गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। बजट में इसका ऐलान किया सकता है। वैसे भी स्कूली शिक्षा को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार हर साल राज्यों को वित्तीय मदद देती है। यह साल और भी खास है, क्योंकि इस साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर तेजी से काम होना है। ऐसे में बजट में भी इसके लिए खास प्रावधान किया जा सकता है।