हारी बाजी जीतने को भाजपा ने तैनात किए अपने सिपहसालार

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RGA न्यूज़ मुरादाबाद समाचार

मुरादाबाद:- विधानसभा चुनाव आने में करीब डेढ़ साल का समय है। उससे पहले ही भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दीं है। जब तक अन्य दल इसको लेकर रणनीति तैयार करेंगे, तब तक पार्टी अपनी बहुत बड़ा कार्य संगठनात्मक और जमीनी स्तर पर कर चुकी होगी। पार्टी में हर कार्य को एक टारगेट की तरह लिया जा रहा है और कारपोरेट की तरह लिया जा रहा है। टारगेट को प्राप्त करने के लिए पूरी टीम एक रणनीति के तहत जुट जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी, हालांकि प्रदेश की 82 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने अब इन हारी हुई सीटों को प्राथमिकता में शामिल कर लिया है। इन सीटों पर प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं। ताकि वहां संगठन मजबूत किया जा सके। प्रभारी नियुक्त करने के साथ विधानसभा क्षेत्र में रुकने के साथ के दिन और कार्य भी निर्धारित कर दिए गए हैं।

बढ़ानी होगी पार्टी की राजनीतिक सक्रियता

प्रदेश की 82 सीटों पर जो प्रभारी बनाए गए हैं, वे राज्यसभा सांसद, एमएलसी, आयोग, बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। पार्टी का मानना है कि जहां उनके विधायक नहीं हैं, वहां कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है। साथ ही क्षेत्र की जनता से भी पार्टी की दूरी रहती है। लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है। उनके जो वोटर है, उनकी अपेक्षाएं अधूरी रह जाती है। इसलिए पार्टी की ओर से पद पर रहने वाले नेताओं को प्रभारी के तौर पर चुना है, ताकि वह संगठन स्तर पर पार्टी को मजबूत करेंगे। इसके साथ ही जनता और प्रशासन के बीच सेतु बनकर सामंजस्य स्थापित करेंगे। इन सभी प्रभारियों को अपने क्षेत्र में हर सप्ताह दो दिन और महीने में आठ दिन रुकना अनिवार्य है। इन दिनों वहां पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करनी होगी। जनता दरबार भी लगाएंगे। उन कमियों को खोजेंगे, जिसके कारण पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं राजनीतिक, सामाजिक, जातिगत और धार्मिक आंकड़ों के गणित को समझते हुए सोशल इंजीनियरिंग भी करनी होगी। इसके अलावा उन मुद्दों की तलाश करेंगे, जो पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हों। दूसरी पार्टी के विधायकों के कार्यों के प्रति दिखाई गई लापरवाही, उनके राजनीतिक हस्तक्षेप को कम करने सहित अनेक कार्य करने होंगे। जनता के बीच जाना होगा, उनके सुख दुख में सहभागिता करेंगे।

हर महीने देनी होगी रिपोर्ट

प्रभारियों को हर महीने अपने कार्य की रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने पूरे महीने में क्या कार्य किए, कितनी प्रगति हुई, पार्टी की स्थिति और आने वाले दिनों में क्या करेंगे। साथ ही बताना होगा कि पार्टी के स्तर पर उन्हें क्या मदद चाहिए। इतना ही नहीं उनका टेस्ट भी होगा। प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, प्रदेश प्रभारी, सह संगठन मंत्री मेरठ और वाराणसी केंद्र के सवालों के जवाब भी देने होंगे। ये सवाल उनके क्षेत्र की भाैगोलिक, पार्टी संगठन और जनसांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित हाेंगे।

मुरादाबाद मंडल में है पार्टी की स्थिति कमजाेर

मुरादाबाद मंडल में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति कमजोर है। यहां अधिकांश सीटों पर सपा और कुछ सीटों पर बसपा का प्रभाव है। इसी प्रकार से लोकसभा की छह सीटों में से पार्टी 2019 में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। प्रदेश में यह अकेला ऐसा मंडल है जहां पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। इसी प्रकार विधानसभा सीटों की बात की जाए तो मंडल की कुल 27 सीटों में 14 ही भाजपा के पास हैं। जबकि 12 पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। रामपुर की पांचवी सीट स्वार पर पूर्व मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्ला का निर्वाचन रद हो चुका है। इसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

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