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अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर एक बार फिर एलजी व केजरीवाल सरकार में टकराव शुरू हो गया है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ एलजी हाउस पर धरने पर बैठ गए। अभी तक धरना जारी है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि जब तक एलजी हड़ताल जैसी स्थिति बनाने वाले आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी नहीं करते हैं वे यहां से नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन व श्रम मंत्री गोपाल राय भी एलजी हाउस पर मौजूद हैं। सोमवार को केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ सीधे एलजी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने एलजी को एक ज्ञापन सौंपा और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। लेकिन एलजी से इन मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं मिलने पर केजरीवाल धरने पर बैठ गए।
अफसर चार महीने से अराजकता फैला रहे-अरविंद केजरीवाल
अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर एक बार फिर एलजी व केजरीवाल सरकार में टकराव शुरू हो गया है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ एलजी हाउस पर धरने पर बैठ गए।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि जब तक एलजी हड़ताल जैसी स्थिति बनाने वाले आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी नहीं करते हैं वे यहां से नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन व श्रम मंत्री गोपाल राय भी एलजी हाउस पर मौजूद हैं। सोमवार को केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ सीधे एलजी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने एलजी को एक ज्ञापन सौंपा और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। लेकिन एलजी से इन मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं मिलने पर केजरीवाल धरने पर बैठ गए।
पिछले कईदिनों से सरकारी बैठकों से गायब रहने वाले अधिकारियों को लेकर एक बार फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल और केजरीवाल सरकार में टकराव शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एलजी को उनके घर पर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दिल्ली में अराजकता जैसी स्थिति है। अधिकारी बीते चार महीने से कोई काम नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जो कर रहे हैं वह उनके सर्विसेज रूल के खिलाफ है। चूंकि सर्विसेज एलजी के पास है तो आप इन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें। देर रात खबर लिखे जाने तक सीएम एलजी के घर पर ही डटे थे।
लिखित में आदेश जारी करें-
अरविंद केजरीवाल ने एलजी से अपील की है कि वह अधिकारियों को लिखित में आदेश जारी करें। अगर वह तब भी नहीं मानते हैं तो एस्मा लागू कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों पर कार्रवाई के अलावा राशन डिलिवरी के लिए डोर स्टेप डिलिवरी को मंजूरी देने की मांग एलजी के सामने रखी है। एलजी की ओर से इन मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं मिलने पर केजरीवाल एलजी हाउस पर ही मंत्रियों के साथ धरने पर बैठ गए।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जब तक एलजी की ओर से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, डोर स्टेप डिलिवरी को मंजूरी नहीं मिलेगी, वह एलजी हाउस पर ही डटे रहेंगे। केजरीवाल व उनके मंत्री एलजी हाउस से ही ट्वीट करके एलजी को घेर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के एलजी हाउस पर धरने पर बैठने के बाद विधायक भी वहां पहुंचने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ता भी वहां पहुंचने लगे। भीड़ देखते हुए एलजी हाउस पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।
पीएमओ सरकार के काम में रोड़े अटका रहा-
इससे पहले केजरीवाल ने सोमवार को अपने आवास पर वार्ता में सीधे पीएमओ पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटकाने के लिए पीएमओ ने एलजी, अफसर और सीबीआई को लगाया हुआ है।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार गठन के बाद से मंत्रियों और उनके रिश्तेदारों पर 14 मामले दर्ज किए गए। मेरे, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। सीबीआई रेड कराई गई। इनकी मंशा किसी भी तरह सरकार के काम को अटकाना है।
बिना बात के धरना दे रहे : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि बिना किसी कारण एक और धरना दिया जा रहा है। इस मामले में उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री व मंत्रियों के कर्मचारियों के बीच में तालमेल स्थापित करने की सलाह दी है और कहा है कि कर्मचारियों के साथ काम करने के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार करें।
तीन माह से खाद्य आपूर्ति मंत्री के पास है फाइल-
राजनिवास ने साफ किया है कि राशन की डोर स्टैप डिलीवरी सिस्टम को लागू करने के लिए सरकार की योजना को तीन माह पहले ही खाद्य आपूर्ति मंत्री के पास भेजा जा चुका है। यह फाइल रिकार्ड के मुताबिक संबंधित मंत्री के पास है।
मुख्य सचिव मारपीट मामले को शांत करने के लिए पहले ही कर चुके हैं पहल-
आदेशों में यह भी बताया गया है कि यह जानकारी आम जनता के सामो है कि इस मामले मुख्य सचिव से हुई मारपीट के विवाद को सुलझाने के लिए कई बार कोशिश की जा चुकी है। मामले में उपराज्यपाल ने एक बार फिर सलाह दी है कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री व मंत्री द्वारा अधिकारियों से मिलकर इसका हल निकाला जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक इस सलाह पर कोई पहल नहीं की गई है ,जबकि बजट सत्र के दौरान अधिकारियों ने सरकार का पूरा सहयोग किया है और हर संभव मदद उपलब्ध कराई है।