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RGA न्यूज़
भारतीय रुपये के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay
PPF SSY NSC FDएनएससी में किया गया निवेश भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। इन सर्टिफिकेट्स में निवेश से प्राप्त ब्याज कर छूट के योग्य होती है। यहां निवेश से प्राप्त आय मैच्योरिटी के वर्ष को छोड़कर वस्तुत कर मुक्त होती है।
नई दिल्ली। एफडी, पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना सबसे अधिक लोकप्रिय गारंटीड और सुरक्षित निवेश विकल्पों में से है। इन निवेश योजनाओं में ग्राहक का निवेश सुरक्षित रहता है। इनमें से कुछ निवेश विकल्प ऐसे भी हैं, जहां निवेशक को टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है। आइए जानते हैं कि किन लोकप्रिय निवेश विकल्पों में आपको टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा और किन में आप टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (NSC): एनएससी में किया गया निवेश भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। इन सर्टिफिकेट्स में निवेश से प्राप्त ब्याज कर छूट के योग्य होती है। यहां निवेश से प्राप्त आय मैच्योरिटी के वर्ष को छोड़कर, वस्तुत: कर मुक्त होती है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): पीपीएफ योजना EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इसमें तीन जगह टैक्स लाभ मिलता है। इस योजना में योगदान, ब्याज आय और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि, तीनों ही टैक्स फ्री होते हैं। इस योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): पीपीएफ की तरह ही इस योजना में भी मैच्योरिटी के दौरान निवेश की गई राशि पर ब्याज टैक्स फ्री होता है। इस योजना में किया गया निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के योग्य है।
फिक्स डिपॉजिट (FD): फिक्स डिपॉजिट में निवेश से प्राप्त ब्याज पर बैंक 10 फीसद टीडीएस काटते हैं। अगर आप उच्च टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो आपको अतिरिक्ट टैक्स देना पड़ सकता है।