शुभमन गिल ने बताया कि कप्तान अजिंक्य रहाणे की शतकीय पारी से उन्होंने क्या सीखा

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भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल (एपी फोटो)

शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा कि ये धैर्य वाली पारी है। जब आप इतने शानदार आक्रमण के खिलाफ खेलते हैं तो कभी-कभी आप ऐसे स्थिति में आ जाते है जब रन नहीं बनते है। जिस तरह से अजिंक्य भाई खेले वह बाहर से देखने में लाजवाब पारी थी।

 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने कहा कि, टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे की शतकीय पारी से उन्होंने खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण के सामने डटकर बल्लेबाजी करने के बारे में सीखा। भारतीय कार्यवाहक कप्तान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन रविवार को मुश्किल परिस्थितियों में नाबाद 104 रन की पारी खेली जिससे टीम ने पांच विकेट पर 277 रन बना लिये।

शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा कि ये धैर्य वाली पारी है और अधिक अहम बात ये है कि जब आप इतने शानदार आक्रमण के खिलाफ खेल रहे होते हैं, तो कभी-कभी आप ऐसे स्थिति में आ जाते है जब रन नहीं बनते है। जिस तरह से अजिंक्य भाई खेले, वह बाहर से देखने में लाजवाब पारी थी। शुभमन ने कहा कि उन्होंने यह दिखाया की मुश्किल समय का सामना कैसे करना है। उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि कमजोर गेंदों के खिलाफ रन बनाए जाएं। 

शुभमन ने कहा कि टीम इसके भुनाने की कोशिश करेंगी क्योंकि इस पिच पर तीसरे दिन से बल्लेबाजी करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि पहले दिन रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा की गेंद स्पिन हुई और दूसरे दिन भी नाथन लियोन की गेंद को स्पिन मिल रहा था। ऐसे में समय के साथ पिच की दरार बढ़ेंगी और बल्लेबाजों के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होगी।

पारी का शुरुआत करते हुए 65 गेंद में 45 रन बनाने वाले शुभमन गिल ने कहा कि ये जरूरी है कि इस बढ़त को भुनाया जाए और ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जल्द से आउट किया जाए। इस 21 साल के बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो पिच से गेंदबाजों को मदद मिल रही थी लेकिन मैंने खुद से कहा कि पिच जैसी भी हो मैं अपना खेल खेलूंगा।’’ शुभमन ने कहा कि नेट सत्र पर उच्च स्तर के भारतीय गेंदबाजों का सामना करने से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा।

इस मैच से टेस्ट में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि मैं पिछली चार-पांच टेस्ट सीरीज से टीम के साथ यात्रा कर रहा हूं। इससे मुझे काफी मदद मिली है। नेट पर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों का सामना करने से युवा खिलाड़ी का आत्मविश्वास काफी बढ़ता है। जब मैं इस टेस्ट में बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मुझे कुछ भी नया नहीं लगा।

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