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RGA न्यूज़
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय PC: File Photo
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मैन्यूफैक्चरिंग खनन और सेवा क्षेत्रों के लिए मॉडल स्थायी आदेश के मसौदे पर साझीदारों से प्रतिक्रिया मांगी है। इससे मंत्रालय को सेवा शर्तो तथा कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित मानक तय कर करने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मैन्यूफैक्चरिंग, खनन और सेवा क्षेत्रों के लिए मॉडल स्थायी आदेश के मसौदे पर साझीदारों से प्रतिक्रिया मांगी है। इससे मंत्रालय को सेवा शर्तो तथा कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित मानक तय कर करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, 2020 की धारा 29 के तहत केंद्र सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग, खनन और सेवा क्षेत्र के लिए मॉडल स्थायी आदेश का मसौदा आधिकारिक गजट में प्रकाशित किया है। इस पर साझीदार 30 दिनों के भीतर सुझाव व आपत्तियां जाहिर कर सकते हैं। इस मसौदा आदेश को 31 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया था।
मंत्रालय का कहना है कि सेवा क्षेत्र की जरूरत को देखते हुए पहली बार अलग से मॉडल स्थायी आदेश लाया गया है। इस बारे में श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि इन मॉडल स्थायी आदेशों से उद्योग में सामंजस्य की स्थिति बनेगी।
इनका मकसद सेवा से संबंधित मसलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से औपचारिक रूप देना है। तीनों मॉडल स्थायी आदेश नियोक्ताओं को सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वे अपने कर्मचारियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचनाएं मुहैया करा सकें
सेवा क्षेत्र के लिए मॉडल स्थायी आदेश में 'वर्क फ्रॉम होम' की अवधारणा को औपचारिक रूप दिया गया है। सेवा क्षेत्र के लिए आदेश के मसौदे में कहा गया है कि आइटी क्षेत्र के मामले में काम के घंटे नियोक्ता और कर्मचारी के बीच नियुक्ति की शर्तो के अनुसार होंगे। खनन क्षेत्र के सभी श्रमिकों को रेल यात्रा सुविधा का विस्तार किया गया है।