Farmer Protests: सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने का अनुरोध

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RGA न्यूज़

दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने वाले ऋषभ शर्मा ने हलफनामा दायर कर आंदोलन को शाहीन बाग मामले में उसके फैसले के खिलाफ भी बताया है। शर्मा ने शनिवार को हलफनामा दायर किया।

 नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने वाले ऋषभ शर्मा ने हलफनामा दायर कर आंदोलन को शाहीन बाग मामले में उसके फैसले के खिलाफ भी बताया है। शर्मा ने शनिवार को हलफनामा दायर किया। इसमें कहा है कि शीर्ष अदालत ने सार्वजनिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना विरोध प्रदर्शनों की अनुमति दी है, लेकिन इसकी वजह से आम लोगों को होने वाली परेशानी पर कुछ नहीं कहा है। इस तरह की अनुमति उसके शाहीन बाग मामले में दिए गए फैसले का उल्लंघन भी है। 

रोजाना 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान

अखबारों में प्रकाशित खबरों का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा है कि सार्वजनिक सड़कों पर किसानों के आंदोलन से आम लोगों को परेशानी होने के साथ ही कच्चे माल की कीमतें भी 30 फीसद तक बढ़ गई हैं। इससे तैयार माल अपने आप ही महंगे हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि किसानों के आंदोलन से देश को रोजाना 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। 

आम राहगीरों को हो रही है परेशानी 

ऋषभ शर्मा ने 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने का अनुरोध किया था। शर्मा का कहना था कि आंदोलन के चलते सड़कें बंद हो गई हैं, जिसकी वजह से आम राहगीरों को परेशानी तो हो रही है, एक जगह भीड़ के चलते कोरोना वायरस के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।

तब्‍लीगी जमात जैसी स्थिति हो सकती है पैदा 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई  में किसानों के प्रदर्शन में भीड़ को देखते हुए कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका जताई थी। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या किसान कोरोना वायरस से बचाव के जरूरी उपाय अपना रहे हैं? सरकार के इन्कार करने पर CJI शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि अगर उपाय नहीं किए गए तो भीड़ से संक्रमण फैल सकता है। कोर्ट ने सरकार से भीड़ पर रोक के लिए दिशा-निर्देश जारी करने को कहा। सीजेआइ ने कहा था कि हम इसको लेकर चिंतित हैं, क्योंकि अगर उपाय नहीं किए गए, तो निजामुद्दीन तब्‍लीगी जमात जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। 

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