Budget Expections 2021: इनकम टैक्स स्लैब में होगा बदलाव या सेक्शन 80C में बढ़ेगी छूट की सीमा, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Praveen Upadhayay's picture

RGA न्यूज़

आगामी केंद्रीय बजट एक फरवरी 2021 को पेश किया जाएगा।

हर साल केंद्रीय बजट लोगों के लिए ढेर सारी उम्मीद लेकर आता है। मीडिल क्लास टैक्स दरों में राहत की उम्मीद करता है तो देश का गरीब और वंचित तबका अपने उत्थान के लिए सरकार की ओर देखता है।

नई दिल्ली। हर साल केंद्रीय बजट लोगों के लिए ढेर सारी उम्मीद लेकर आता है। मीडिल क्लास टैक्स दरों में राहत की उम्मीद करता है तो देश का गरीब और वंचित तबका अपने उत्थान के लिए सरकार की ओर देखता है। लोगों की नजर इस बात पर भी रहती है कि बजट में कौन सी वस्तुएं महंगी होने वाली हैं और कौन सी चीजें सस्ती हो सकती हैं। इसके साथ ही बजट से देश की आर्थिक सेहत का भी पता चलता है। लेकिन यह सर्वविदित है कि बजट में लोगों की सबसे ज्यादा नजर टैक्स को लेकर होती है। बजट से पहले एक्सपर्ट्स भी इकोनॉमी को देखते हुए अपनी राय प्रकट करते हैं। 

अंकित सेहरा एंड एसोसिएट्स के फाउंडर और टैक्स एक्सपर्ट अंकित सेहरा कहते हैं कि ''आने वाले बजट 2021 से ये उम्मीद की जा सकती है कि सेक्शन 80C की कटौती सीमा 1,50,000 रुपए से बढ़ाकर 3,00,000 रूपए प्रति वर्ष होनी चाहिए। यह बदलाव  निवेश को अधिक से अधिक बढ़ावा देगा और अंततः देश के समग्र विकास को बढ़ावा देगा।''

उन्होंने कहा, ''साथ ही, हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सरकार लॉन्ग टर्म और शॉर्ट-टर्म सेविंग्स के बीच स्पष्ट अंतर अपनाएगी, क्योंकि लॉन्ग टर्म सेविंग्स को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स पॉलिसी में कोई बड़ा प्रोत्साहन नहीं है, जो इस महामारी के दौरान बेहद जरूरी है। जीवन बीमा पॉलिसीज और पेंशन फंड दीर्घकालिक उद्देश्य के लिए बचत का प्रमुख स्रोत हैं। इस बार हम उम्मीद कर सकते हैं कि सरकार धारा 80 सी के अलावा इन दोनों के लिए अलग-अलग छूट की सीमा तय करने पर विचार करेगी।'

टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने भी इन्हीं बातों को विस्तार देते हुए कहा कि सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये किए जाने की जरूरत है। वर्तमान में सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है। उन्होंने साथ ही कहा कि आम टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खास तौर पर वरिष्ठ नागरिकों को इस मोर्चे पर रिलीफ मिलनी चाहिए।

जैन के मुताबिक इसकी वजह यह है कि वरिष्ठ नागरिकों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं होता है। दूसरी ओर सेविंग पर ब्याज काफी कम हो गई और मुद्रास्फीति काफी ऊपर है। ऐसे में टैक्स की देनदारी से वरिष्ठ नागरिकों को दोहरी समस्या होती है।

रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट करने और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए जैन ने होम लोन के मूलधन के भुगतान के लिए सेक्शन 80C से इतर दो लाख रुपये की टैक्स छूट देने की हिमायत की है। 

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.