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वाहन की प्रतिकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: जागरण फाइल फोटो)
आगामी 2021 के केंद्रीय बजट में विकास को पुनर्जीवित करने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए काफी पहल दिखाई देंगी। पिछले साल भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग BS6 मानकों के पहले कीमतों में बढ़ोतरी की भरपाई के लिए जीएसटी में कमी की उम्मीद कर रहा था
नई दिल्लीभारत में कल बजट को लेकर लोगों के बीच कई तरह की चिताएं और अटकलें चल रही हैं, प्रत्येक उद्योग व्यापार में होने वाले बदलाव को लेकर विचार कर रहा है। इस बात में कोई दो राय नहीं है, कि कोरोना महामारी से संबंधित आर्थिक संकट के कारण ऑटो उद्योग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए बजट में ऐसे कदमों की उम्मीद है जो पूरे उद्योग के लिए राहत का काम करेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2021 यानी कल संसद में बजट 2021 प्रस्तुत करेंगी। रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि कल दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल क्षेत्र कहे जाने वाला भारत 2026 तक $ 300 से 400 बिलियन तक पहुंचने का रास्ता तय कर सकता है। जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान में यह आंकड़ा 118 बिलियन डॉलर का है। वहीं ऑटोमोबाइल उद्योग भारत की जीडीपी में 7.1% से अधिक का हिस्सेदार है।
अकेले ऑटो रिटेल क्षेत्र में लगभग 4.5 मिलियन रोजगार हैं, इस बात की पुष्टि फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने की है। उन्होंने बताया कि केपीएमजी और एनएसडीसी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 तक लगभग 15 मिलियन लोगों को सीधे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में नियोजित किए जाने की उम्मीद है।
FADA ने इस बजट में अपनी कई मांग को प्रस्तुत किया है, जिसके साथ ही देश के प्रमुख कार निर्माता सड़क करों और पंजीकरण लागतों में कमी चाहते हैं। इसके अलावा, आकर्षक वित्तीय योजनाओं और योजनाओं से बिक्री को और बढ़ावा मिलेगा। पिछले साल इसी समय, भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग बीएस6 उत्सर्जन मानकों के पहले कीमतों में बढ़ोतरी की भरपाई के लिए बजट 2020 से जीएसटी में कमी की उम्मीद कर रहा था, जबकि लिथियम आयन बैटरी निर्माताओं ने कस्टम में पांच प्रतिशत की कमी की उम
हालांकि, भारत सरकार ने प्रौद्योगिकी उन्नयन, अनुसंधान और विकास, और व्यापार रणनीति के लिए भारतीय ऑटोमोटिव घटक उद्योग के लिए 'हैंडहोल्डिंग सपोर्ट' की घोषणा की थी। मौजूदा बाजार की स्थिति को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि आगामी 2021 के केंद्रीय बजट में विकास को पुनर्जीवित करने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए काफी पहल