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RGA न्यूज़
टाटा नेक्सॉन इलेक्ट्रिक कार के साथ एमजी की जेडएस इलेक्ट्रिक कार
ईवी का बाज़ार दुनियाभर में तेजी से विस्तृत हो रहा है। लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो ईवी लेने से डरते हैं। क्योंकि उनके दिमाग में कई तरह के संशय होते हैं। इस लेख के जरिये हम ऐसे लोगों के भ्रम दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली। दुनियाभर में ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी से इलेक्ट्रीकरण हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए यह एक उचित कदम हैं। वहीं भारत भी इस दिशा में काफी तेजी से कार्य कर रहा है। जिसे लेकर मौजूदा वक्त में देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी कई बार कह दे चुके हैं। लेकिन आज भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनके दिमाग में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर काफी सारे झूठे भ्रम फैले हैं। हालांकि किसी भी पर कोई निर्णय लेने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होना अनिवार्य है। ऐसे ही इस लेख के जरिए आज हम आपको बताएंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में जो पूर्णत: मिथक हैं।
इलेक्ट्रिक कार से लंबा सफर नहीं कर सकते: भारत जैसे देशों में किसी भी इलेक्ट्रिक कार को खरीदने से पहले ये बात दिमाग में जरूर आती है कि इलेक्ट्रिक कार लंबे सफर के लिए उपयोगी नहीं है। क्योंकि अंर्तराष्ट्रीय बाज़ार में कई ऐसी इलेक्ट्रिक कारें हैं जो सिंगल चार्ज पर 600 किमी से भी अधिक दूरी तय करने में सक्षम हैं। अमेरिका की दिग्गज ईवी मेकर कंपनी टेस्ला इसका एक बढ़िया उदाहरण है। हाल ही में टेस्ला ने भारत में भी प्रवेश किया है। न सिर्फ विदेशों में बल्कि मौजूदा वक्त में घरेलू बाज़ार में ईवी का छोटा मार्केट होने के बावजूद एमजी की जेडएस ईवी जैसी कार सिंगल चार्ज में 340 किमीं तक का डिस्टेंस कवर करने की क्षमता रखती है। इसके अलावा भी टाटा नेक्सॉन ईवी और हुंडई कोना जैसी कारें भारत में इलेक्ट्रिक सेग्मेंट में उपलब्ध हैं जो फुल चार्ज पर अच्छी खासी दूरी तय कर सकते हैं।
ईवी को चार्ज होने में समय लेती हैं: इलेक्ट्रिक कारों के बारे में यह एक ऐसी धारणा है जो अधिकतर लोगों के मन में पाई जाती है। लेकिन यह बात बिलकुल गलत है। बहुत सारी ईवी ऐसी हैं जो महज 30-60 मिनट के भीतर पूरी तरह चार्ज हो जाती हैं। यह ईवी 240 वोल्ट के चार्जर से चार्ज होने में समय लेती हैं। अधिकांश गाड़ियों में सुपर चार्ज की सुविधा मिलती है। जिसके तहत महज कुछ ही मिनटों में ईवी फुल चार्ज हो जाती है। भारत में एक बार पूरी तरह से ईवी को लेकर व्यवस्था बन जाने के बाद इन्हें राजमार्गों पर चार्ज करना बेहद आसान हो जाएगा। यह कुछ इस तरह होगा कि सफर के दौरान जब भी आप लंच या डिनर के लिए अपने वाहन को रोकेंगे तो उसे चार्ज पर लगा सकते हैं आपके पेट के साथ कार का पेट भी तब तक भर जाएगा। इतना ही नहीं कई देशों में फ्यूट स्टेशंस के पास रेस्टोरेंट्स आदि मौजूद होते हैं, लोग जब तक कुछ खाते पीते हैं तब तक कार फुल चार्ज हो जाती है और समय का पता भी नहीं चलता है।
EV बैटरी महंगी होती हैं और इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है: हम भारतीयों की बात करें तो हमारे दिमाग में एक यह भी भ्रम है कि ईवी की बैटरी काफी महंगी होती हैं और इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है। लेकिन यह सच नहीं है, लिथियम-आयन बैटरी की लागत में लगातार कमी आ रही है और भारत अच्छी क्वालिटी वाली बैटरी बनाने की दिशा में गंभीरता से निवेश कर के आगे बढ़ रहा है। एक सामन्य ईवी की बैटरी सामन्य,तौर पर 1लाख किमी. चलने के बाद 90% तक की क्षमता रखती है, जो कि एक सामान्य ईंधन वाली कार के इंजन रिपेयर होने के मुकाबले काफी अधिक है। इतना ही नहीं कई सारी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां अपनी कारों की बैटरी की अच्छी खासी गारंटी देती हैं।