सुप्रीम कोर्ट का अवैध मतांतरण रोकने वाले कानून के खिलाफ सुनवाई से इनकार, जानें शीर्ष अदालत ने क्‍या कहा

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RGA न्यूज़

मतांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानूनों पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

विवाह प्रलोभन इत्यादि की आड़ में कराए जाने वाले मतांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया। जानें सर्वोच्‍च अदालत ने क्‍या कहा...

नई दिल्ली। विवाह, प्रलोभन इत्यादि की आड़ में कराए जाने वाले मतांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हाई कोर्ट में लंबित हैं और याचिकाकर्ता को वहीं जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर यह बात कही...

हाईकोर्ट जाए याचिकाकर्ता

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गैर सरकारी संगठन पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज) की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण है। इलाहाबाद हाई कोर्ट और नैनीताल हाई कोर्ट इसी मसले पर सुनवाई कर रहे हैं ऐसे में याचिकाकर्ता को भी हाईकोर्ट जाना चाहिए।

हाईकोर्ट का नजरिया जानने का मौका मिलेगा

पीठ ने कहा कि वह मामले की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे ही लेकिन जब हाईकोर्ट में मामला लंबित है तो उसे भी हाईकोर्ट का नजरिया जानने का अवसर मिलेगा। याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने पीठ से कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसी कुछ याचिकाओं पर नोटिस कर चुका है ऐसे में उनकी याचिका को भी उसी मामले के साथ सुनवाई के लिए संलग्न कर दिया जाए।

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